अपात्र 31 अगस्त से पहले अपना नाम स्वेच्छा से हटवा सकेंगे, 1 सितम्बर से अपात्रों से होगी वसूली
जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में राज्य सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित किया जाए ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
प्रदेश में सभी पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए आवश्यक है कि अपात्र लोगों का नाम सूची से हटाया जाए क्योंकि एक निर्धारित संख्या में लोगों को ही इस योजना में लाभान्वित किया जा सकता है। ऐसे अपात्र लोग स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा लें, इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा गिव अप अभियान चलाया जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में निर्धारित मापदण्ड “राजस्थान खाद्य सुरक्षा नियम, 2023 के अनुसार जिस परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता है या सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थान में कार्मिक है या 1 लाख रूपये से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय है या किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रेक्टर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर) सूची में शामिल नही हो सकता ।
1 नवम्बर, 2024 से प्रारम्भ गिव अप अभियान में अब तक राज्य में 22 लाख 32 हजार व्यक्तियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा है। जिससे राज्य सरकार पर वार्षिक 409.39 करोड़ राशि का वित्तीय भार कम होगा।
गिव अप अभियान में राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस जारी किये गये हैं, जिनसे वसूली की कार्यवाही शीघ्र की जायेगी।
खाद्य विभाग द्वारा गिव अप अभियान के तहत प्रदेश में अब प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर खाद्य विभाग के जिला रसद अधिकारी, प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकगण औचक निरीक्षण करने के साथ ही खाद्य सुरक्षा में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस भी जारी करेंग, साथ ही खाद्य विभाग द्वारा शीघ्र ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामी का डेटा संकलित कर खाद्य सुरक्षा में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस जारी कर वसूली की कार्यवाही की जायेगी।