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ED का शिकंजा Google और Meta पर: सट्टा ऐप्स के प्रचार में शामिल होने का आरोप

नई दिल्ली. भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल दिग्गज कंपनियां Google और Meta (Facebook, Instagram की पेरेंट कंपनी) को समन भेजा है। दोनों कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ED कार्यालय में पेश होकर पूछताछ में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।

यह कार्रवाई ऑनलाइन सट्टा और जुए से जुड़े ऐप्स के प्रचार-प्रसार और उनके जरिए हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के अंतर्गत की गई है।

 

🔎 क्या है पूरा मामला?

ED को इनपुट्स मिले हैं कि देशभर में कई अवैध ऑनलाइन बेतिंग ऐप्स ने Google और Meta के डिजिटल विज्ञापन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर भारतीय यूज़र्स को टार्गेट किया, और बड़े स्तर पर काले धन को सफेद किया गया।

इन ऐप्स ने एल्गोरिदम के ज़रिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल पर करोड़ों की विज्ञापन राशि खर्च की। माना जा रहा है कि Google और Meta को इससे लाखों रुपये का विज्ञापन राजस्व भी प्राप्त हुआ।

 

🧾 ED के सवाल Google और Meta से:

1. किन बेतिंग ऐप्स ने आपके प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन चलाए?
2. क्या आपने इन ऐप्स की वैधता की जांच की थी?
3. आपको इनसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ?
4. क्या आप विज्ञापन नीतियों में लचीलापन रखते हैं ऐसे ऐप्स के लिए?

 

🎯 किन ऐप्स का नाम आया है सामने?

 

जानकारी के अनुसार जिन ऐप्स की जांच चल रही है, उनमें “FairPlay”, “PariMatch”, “Betway”, “1XBET” और “Lotus365” जैसे नाम प्रमुख हैं। इन सभी पर भारत में बैन होने के बावजूद, सोशल मीडिया और गूगल विज्ञापनों के ज़रिए प्रचार करने के आरोप हैं।

 

🎭 सेलिब्रिटीज भी राडार पर

 

ED ने इससे पहले कई बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्म सितारों को भी नोटिस भेजा है, जिन्होंने इन ऐप्स का प्रचार किया था। इनमें प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा, राणा डग्गुबाती जैसे नाम शामिल हैं।

 

⚖️ कानूनी पहलू

 

इस मामले में जांच Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत चल रही है। ED यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन ऑनलाइन सट्टा ऐप्स के माध्यम से भारत में हवाला चैनलों के ज़रिए कितना पैसा ट्रांसफर किया गया।

 

📢 Google और Meta की प्रतिक्रिया का इंतज़ार

 

फिलहाल दोनों कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, दोनों कंपनियाँ अपने लीगल प्रतिनिधियों को पूछताछ में भेजेंगी।

 

📌 निष्कर्ष

 

भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही और “Safe Digital Ecosystem” बनाए रखने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। क्या यह कार्रवाई डिजिटल विज्ञापन इंडस्ट्री की नीतियों को बदलने की दिशा तय करेगी? जवाब आने वाले दिनों में सामने आएगा।

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