New delhi. प्रवर्तन निदेशालय (ED), लखनऊ जोनल कार्यालय ने 30 अप्रैल 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत गाजियाबाद, लखनऊ और नई दिल्ली में स्थित पांच ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई एम/एस अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Ansal API) और अन्य के खिलाफ की गई। छापेमारी अंसल API के प्रमोटर डायरेक्टर प्रणव अंसल, डायरेक्टर दीपक मोवर, अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों और कंपनी के कॉर्पोरेट कार्यालयों पर की गई।
ED ने यह जांच उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दर्ज 100 से अधिक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इन एफआईआर में अंसल API और उसकी वरिष्ठ प्रबंधन टीम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और होमबायर्स के साथ ठगी के आरोप लगाए गए हैं। कुल मिलाकर 135.51 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है, जिसमें निवेशकों और होमबायर्स को ऐसे प्रोजेक्ट्स में निवेश के लिए फुसलाया गया, जो या तो कभी पूरे नहीं हुए या उन्हें हैंडओवर ही नहीं किया गया। आरोप है कि जमा की गई राशि को गबन कर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया।
जांच में यह सामने आया है कि खरीदारों की राशि का बड़ा हिस्सा हेराफेरी कर अन्यत्र खर्च किया गया। ED की ओर से जारी कई समन के बावजूद अंसल API के वरिष्ठ प्रबंधन ने जांच में सहयोग नहीं किया और आवश्यक वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए।
तलाशी के दौरान ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं। इनमें अंसल समूह के प्रोजेक्ट-स्तरीय वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक खाता विवरण और अंसल API की 174 सहायक/संबद्ध कंपनियों की जानकारी शामिल है। एक मोबाइल डिवाइस से प्रणव अंसल, उनके परिजनों और संबंधित संस्थाओं के नाम पर मौजूद 62 अचल संपत्तियों की सूची भी मिली है, जिनकी कुल अनुमानित कीमत ₹217.80 करोड़ है।