जयपुर। राज्य में संचालित 10 ग्राह्य परीक्षण केन्द्रों एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स झालावाड़ के अधिकारियों की एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन आयुक्त कृषि सुरेश कुमार ओला के निर्देशन में गुरूवार को पंत कृषि भवन के सभागार कक्ष में किया गया।
एच.एस. मीणा, अतिरिक्त निदेशक कृषि (अनुसंधान) ने अनुसंधान अधिकारियों के प्रमुख कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्व को विस्तार से बताया, जिससे राज्य के कृषकों को किये गये अनुसंधान कार्यों का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। कार्यशाला में सभी अधिकारियों ने उनके केन्द्रों पर वर्ष 2024-25 में किये गये कार्यों का विस्तार पूर्वक प्रस्तुतीकरण किया। खरीफ 2024 एवं रबी 2024-25 में ग्राह्य परीक्षण केन्द्रों एवं कृषक प्रक्षेत्रों पर कुल 480 ग्राह्य परीक्षणों का आयोजन किया गया, जिसमें से 88 परीक्षणों की सिफारिशों को जर्क मीटिंग के माध्यम से विभागीय पैकेज ऑफ प्रैक्टिस में सम्मिलित करने की सिफारिश की गई। इन सिफारिशों से राज्य के कृषक आगामी वर्षों में लाभ ले सकेंगे।
बजट घोषणा 2025 में 100 मैट्रिक टन टाईकोड्रमा बनाने की घोषणा की गई है। बजट घोषणा की क्रियान्विति सुनिश्चित करने हेतु आई.पी.एम. प्रयोगशालाओं को शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने हेतु निर्देशित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्राह्य परीक्षण केन्द्रों द्वारा विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से अर्जित लगभग 1 करोड़ रूपये की राशि राजकोष में जमा कराई गई। ग्राह्य परीक्षण केन्द्रों द्वारा खरीफ 2025 की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई।
बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि (शस्य) एटीसी अर्जुन लाल, प्रभारी आई.पी.एम. लैब नैनावत, उप निदेशक कृषि (शस्य) एटीसी राजकुमार सिंह सहित ग्राह्य परीक्षण केन्दों एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स, झालावाड़ के अधिकारियों ने भाग लिया।