New delhi. वित्त वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक PSBs ने ₹12,08,828 करोड़ के लोन बट्टे खाते में डाले
🔍 क्या है मामला?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने कुल ₹12.08 लाख करोड़ के लोन को बट्टे खाते (Write-Off) में डाल दिया है। लेकिन ध्यान दें – इसका मतलब ये नहीं कि उधार माफ हो गया है।
📌 बट्टे खाते में डालना यानी:
• बैंक ने उसे “रिकवरी की संभावना कम” मानकर अपने बैलेंस शीट से हटा दिया
• लेकिन उधार लेने वाला अभी भी कानूनी रूप से पैसे लौटाने का ज़िम्मेदार है
• बैंक अब भी रिकवरी की प्रक्रिया जारी रखते हैं — जैसे कोर्ट केस, NCLT, DRT, SARFAESI आदि के ज़रिए
💰 बैंकवार बट्टे खाते में डाली गई राशि (पिछले 5 साल का डेटा):
बैंक 🏦
FY 2020-21
FY 2021-22
FY 2022-23
FY 2023-24
FY 2024-25*
SBI
₹34,402 Cr
₹19,666 Cr
₹24,061 Cr
₹16,161 Cr
₹20,309 Cr
PNB
₹15,877 Cr
₹18,312 Cr
₹16,578 Cr
₹18,317 Cr
₹12,159 Cr
Union Bank
₹16,983 Cr
₹19,484 Cr
₹19,175 Cr
₹18,264 Cr
₹11,634 Cr
BOB
₹14,782 Cr
₹17,967 Cr
₹17,998 Cr
₹10,518 Cr
₹8,796 Cr
Canara Bank
₹9,132 Cr
₹8,422 Cr
₹12,760 Cr
₹11,827 Cr
₹14,350 Cr
RBI की स्पष्टीकरण:
बट्टे खाते में डालना माफी नहीं है। उधार लेने वाला अभी भी पूरी राशि लौटाने के लिए जिम्मेदार होता है। रिकवरी की प्रक्रिया चलती रहती है।