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ये कैसा विकास... सांगानेर: डोल के बाढ पर सरकार का मनडोला

ये कैसा विकास… सांगानेर: डोल के बाढ पर सरकार का मनडोला

फिनटेक पार्क के नाम पर 2500 से ज्यादा पेडों के जंगल को नष्ट करने की तैयारी कर ली रीको ने….

जयपुर. राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (रीको) उद्योग विभाग और राज्य सरकार के अधिकारियों व सलाहाकारों ने मिलकर शहर के बीचों—बीच 2500 पेडों के जंगल डोल के बाढ को हटाकर विकास की गंगा बहाने की ठान ली है। एक ओर जहां इस तरह की व्यवसायिक गतिविधियों को शहर से बहार ले जाने की कवायद होनी चाहिए, वहीं सरकार पर्यावरण की बली पर विकास चाहती है। पूर्व में भी हाउसिंग बोर्ड और जेडीए इस तरह की योजनाएं लाकर नाकामी झेल चुके है। मसलन गोपालपुरा बाइपास से कोचिंग संस्थानों को हटाने के लिए सांगानेर में कोचिंग हब हो या खुद रीको के डेडीकेटेड औद्योगिक जोन हो, सभी योजनाएं लगभग नाकाम रही हैं।
सरकार फिनटेक पार्क के नाम पर डोल के बाढ की जगह यूनिटी मॉल, राजस्थान मंडप और तीन सितारा होटल समेत कई नई योजनाएं लाकर करोडों रुपए राजस्व एकत्रित करेगी। सूत्रों की माने तो अब सरकार व आला अधिकारी इस तरह की परियोजनाएं लाकर अपने चहेतों या रिश्तेदारों को इन परिसरों या रीको के प्लॉट दिलाकर फायदा उठाते हैं। एक ओर तो सरकार पर्यावरण बचाने के लिए सांगानेर, बाइस गोदाम, मानसरोवर, वीकेआइ जैसे सगन औद्योगिक क्षेत्रों को शहर से बाहर बसाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर फिनटेक पार्क के नाम पर लाखों रुपए वर्गमीटर का स्पेस बेचने का खेल रचती है।
आर्टिजंस व स्किल डवलपमेंट के नाम पर सरकार इस तरह की रियल एस्टेट डील्स को बखूबी भूनाना जानती है। सरकार का तर्क है कि यूनिटी मॉल को परी चौक, नोएडा स्थित एक्जीबिशन सेंटर की तरह डवलप किया जाएगा… जहां आर्टिजंस को काम मिलेगा और स्किल डवलपमेंट होगा… लेकिन सभी जानते हैं नोएडा के एक्जीबिशन सेंटर में बडे बडे हैंडिक्राफट उद्योगपतियों की दुकानें हैं, जो छह महीने बंद रहती है और बाकी आटो एक्सपो या तरह तरह की प्रदर्शिनियों के लिए किराए पर उठाई जाती हैं।

कहीं रीको अपने कार्यक्षेत्र से भटक तो नहीं गया है…

दरअसल रीको का कार्य आद्योगिक भूमियों का अधिग्रहण कर उद्योग को जमीनें देकर स्थानीय ढांचे का विकास करना है… लेकिन अब इसके सलाहकार इसे डवलपर भी बनाना चाहते हैं। लोग जानते है कि चाहे हाउसिंग बोर्ड हो या रीको व जेडीए की परियोजनाएं हो.. इन्हे पूरा स्थानीय प्राइवेट डवलपर ही कच्चे पक्के में टेंडर लेकर पूरा करते हैं।

एक नजर में फिनटेक पार्क

  • 100 एकड़ में बनेगा
  • यनिटी मॉल, होटल, कॉरपोरेट ऑफिस, फूड कोर्ट और व्यावसायिक भूखंडों की नीलामी का समावेश किया गया है।
  • दुकानें, प्रशिक्षण केंद्र, सेमिनार हॉल, ओपन-एयर थिएटर और व्यापारिक बैठक कक्ष जैसी सुविधाएं
  • 9332 वर्ग मीटर में एक फ्लैटेड कॉम्प्लेक्स भी तैयार किया जाएगा। जहां स्टार्टअप्स को ‘प्लग एंड प्ले’ आधार पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी।
  • राजस्थान मंडपम भी बनेगा, जहां हस्तशिल्प और लोक परंपराओं को एकीकृत रूप से प्रदर्शित करेंगे।

स्थानीय लोगों का विरोध

स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया है। उनका कहना है कि यह वन केवल पेड़-पौधों का समूह नहीं, बल्कि शहरवासियों की सांसों का सहारा, सुकून का स्थान और एक साझा प्राकृतिक विरासत है। डोल का बाढ वन वर्षों से शहर के लोगों के लिए एक शांतिपूर्ण टहलने की जगह, पक्षियों का बसेरा और बच्चों के खेलने का सुरक्षित वातावरण रहा है। यहां की हरी-भरी छांव, जैव विविधता और शांत वातावरण को एक झटके में कुर्बान करना लाखों लोगों की भावनाओं और भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों पर कुठाराघात है।

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