नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक बदहाली से जूझ रहे आम उपभोक्ताओं पर अब महंगाई की भी मार पड़ रही है. खासतौर से सब्जियों (Vegetable Prices) की महंगाई से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. सब्जियों में सबसे ज्यादा खपत होने वाला आलू (Potato Prices) के दाम बीते दो महीने में दोगुने हो गए हैं.
खपत कम होने के बावजूद कीमतों में इजाफा
कोरोना काल में होटल, रेस्तरां, कैंटीन और ढाबों में सब्जियों की खपत कम होने के बावजूद इनकी कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. कारोबारी बताते हैं कि बरसात में हरी सब्जियों का उत्पादन कम हो जाने की वजह से आवक कम हो रही है, जबकि आलू के साथ यह बात लागू नहीं होती, क्योंकि इसकी ज्यादातर आवक इस समय कोल्ड स्टोरेज से हो रही है.
40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है आलू
आलू का खुदरा दाम भी दोगुना हो गया है. दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में आलू का खुदरा भाव जून में जहां 20 से 25 रुपये प्रति किलो था, वहीं शुक्रवार को आलू 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. यही नहीं, थोक मंडी में जो आलू 44 रुपये प्रति किलो था, उसका खुदरा भाव 60 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर बताया जा रहा है.
हल्द्वानी का ताजा आलू ऊंचे भाव पर बिक रहा
आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि हल्द्वानी का ताजा आलू जो अभी मंडियों में आ रहा है, वह ऊंचे भाव पर बिक रहा है. उन्होंने बताया कि इस समय पहाड़ी आलू का सीजन है, इसलिए यह ऊंचे भाव पर बिक रहा है, जबकि कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की आवक कम हो रही है। कोल्ड स्टोरेज के आलू का थोक भाव इस समय 20 से 28 रुपये प्रति किलो है.
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