नई दिल्ली: ट्रूकॉलर के सह-संस्थापक और सीईओ एलन ममेदी ने निजता की तुलना में जनहित ज्यादा अहम होने की बात पुरजोर तरीके से कही। उन्होंने कहा, ‘कॉल करते समय अपना नाम और फोन नंबर निजी रखने की किसी व्यक्ति की उम्मीद से ज्यादा अहम है कॉल करने वाले को पहचानकर जनहित और जन सुरक्षा की चिंता दूर करना।’
संक्षिप्त दौरे पर भारत आए ट्रूकॉलर के प्रमुख आज कुछ मंत्रियों से भी मिले। उनसे सवाल पूछा गया कि क्या भारत में प्रस्तावित डेटा सुरक्षा कानून से उनकी सेवा इस्तेमाल नहीं करने वाले लोगों की सहमति के बगैर उनके फोन नंबर प्रदर्शित करना मुमकिन नहीं होगा। इस पर उन्होंने कहा,’उपभोक्ताओं को यह जानने का अधिकार है कि उन्हें फोन कौन कर रहा है। लगातार डिजिटल होती अर्थव्यवस्था में टेलीफोन डायरेक्टरी, कॉलर आईडी और स्पैम ब्लॉकिंग सुरक्षित संचार के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज की दुनिया में ऑनलाइन साधन और टेलीफोन कॉल एवं मैसेज के जरिये धोखाधड़ी, पीछा करना एवं शोषण आम बात हो गई है।’ उन्होंने कहा कि भारत में ट्रूकॉलर की 50 फीसदी उपयोगकर्ता महिलाएं हैं, जो इस सेवा का इस्तेमाल शोषण से बचने के पहले हथियार की तरह कर रहे हैं।
ममेदी ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि प्रस्तावित डेटा निजता कानून में उनकी कंपनी को मंजूरी दी जाएगी क्योंकि वह स्वास्थ्य या वित्तीय जानकारी जैसी संवेदनशील निजी सूचना नहीं बल्कि फोन नंबर एवं नाम दे रही है। इस प्लेटफॉर्म पर करीब 50 फीसदी कॉल उन ग्राहकों के बीच होती हैं, जिनके फोन में ट्रूकॉलर ऐप है। एक नया रुझान यह है कि उनमें से काफी बड़ी तादाद में लोग इसे कॉल के लिए अपने डायलर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
ममेदी ने कहा कि वे भारत में कंपनी को लेकर गलत धारणा को दूर करने पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा, ‘यह मिथ्या धारणा दूर करने पर ध्यान दिया जाएगा कि ट्रूकॉलर में चीन की हिस्सेदारी है। भारत हमारा सबसे बड़ा बाजार है, जहां सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। इसका परिचालन एक भारतीय कंपनी के जरिये हो रहा है, जो वर्ष 2018 से भारत में ही डेटा भंडारण कर रही है।’
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