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आगामी त्यौहारों को शांतिपूर्ण ढ़ंग से मनाने के लिए कानून व्यवस्था और भाईचारे के लिए सीएस, एसीएस और डीजीपी ने अधिकारियों की बैठक ली

आगामी त्यौहारों को शांतिपूर्ण ढ़ंग से मनाने के लिए कानून व्यवस्था और भाईचारे के लिए सीएस, एसीएस और डीजीपी ने अधिकारियों की बैठक ली

जयपुर। राज्य में आगामी त्यौहारों को शांतिपूर्वक ढ़ंग से मनाना सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को मुख्य सचिव सुुधांश पंत, एसीएस होम आनंद कुमार और डीजीपी यू. आर. साहू ने सचिवालय से वीसी के माध्यम से सभी सम्भागीय आयुक्त, पुलिस आयुक्त, रेंज आईजी, कलेक्टर और एसपी की बैठक ली, उनके क्षेत्र में कानून व्यवस्था की वर्तमान स्थिति और इसे और मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे उपायों का फीडबैक लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

 

मुख्य सचिव ने कहा कि 13 एवं 14 मार्च को होली एवं धूलण्डी, 28 मार्च को जुमातुलविदा, 30 मार्च को चेटीचण्ड एवं हिन्दू नववर्ष एवं 31 मार्च को ईदुलफितर का पर्व मनाया जायेगा। 6 अप्रेल को रामनवमी, 10 अप्रेल को महावीर जयन्ती, 11 अप्रेल को ज्योतिबा फूले जयन्ती, 12 अप्रेल को हनुमान जयन्ती, 13 अप्रेल को वैशाखी, 18 अप्रेल को गुड फाईडे और 29 अप्रेल को परशुराम जयन्ती आदि त्यौहार एवं पर्व  आयोजित किये जायेंगे।

 

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इन त्यौहारों के दौरान राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शांति समिति के सदस्यों के साथ बैठकें की जाए। कलक्टर एवं एसपी एक टीम के रूप में अभियान चलाकर जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें। असामाजिक तत्वों की गतिविधियों और सौहार्द बिगाडने की कोशिश करने वालों पर पटवारी, ग्राम सेवक, बीट कांस्टेबल व कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से विशेष नजर रखें।

 

एसीएस आनंद कुमार ने निर्देश दिए कि अधिकारी नियमित गश्त, भ्रमण करें तथा विभिन्न सामाजिक/सामुदायिक समूहों इत्यादि के साथ बैठक आयोजित करें जिससे संभावित अवांछित गतिविधियों की समय पर जानकारी प्राप्त हो सके। होलिका दहन, जुसूस के लिए विवादास्पद जगह और मार्ग की अनुमति न दें, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी किसी भी दबाव में न आएं। उन स्थानों, जहां त्यौहारों के दौरान अतीत में कोई अप्रिय घटना हुई हो, की सक्रिय निगरानी की जाये। डीजीपी ने निर्देश दिए कि समय रहते मौहल्ला लेवल तक बैठक कर लें ताकि किसी क्षेत्र विशेष की समस्या का समय रहते समाधान निकाला जा सके।

 

बैठक में निर्देश दिए गये कि सोशल मीडिया की गतिविधियों पर लगातार नजर रखते हुए भामक तथ्यों, अफवाहों पर तुरन्त प्रिंट/इलेक्ट्रोनिक / सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी जावें तथा ऐसी अफवाह फैलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों तथा मंदिरों, मस्जिदों, कर्बलाओं और इमामबाड़ों आदि धार्मिक स्थानों से गुजरने वाले जुलूसों के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए।

धार्मिक जुलूसों / रैलियों के आयोजकों और डीजे मालिकों को पहले से चेतावनी दी जाए कि वे लाउडस्पीकरों का उपयोग कर उत्तेजक गीत या नारों को न बजायें, जुलूस के लाउडस्पीकरों पर पुलिस का पर्याप्त नियंत्रण होना चाहिए। जुलूसों के पूर्व निर्दिष्ट मार्गों पर छतों की जांच और पर्याप्त सुरक्षा तैनाती की जाये। जुलूस के दौरान बड़ी संख्या में पारंपरिक या अन्य हथियार ले जाने को प्रतिबंधित किया जाए। सभी जुलूसों की सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाये।

 

इससे पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने रीट परीक्षा शांति और निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न होने पर पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारियों को बधाई दी।
सचिवालय में बैठक के दौरान डीजीपी इंटेलीजेंस, संजय अग्रवाल, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल, गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव अविचल चतुर्वेदी, विशिष्ट शासन सचिव कन्हैयालाल स्वामी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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