वित्त वर्ष’25 में एबिटा 300% की वर्ष-दर-वर्ष की वृद्धि के साथ ₹50 करोड़ रहा
मुंबई. भारत की अग्रणी डिजिटल क्रेडिट इकोसिस्टम कंपनियों में से एक, लेनदेनक्लब ग्रुप, ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए अपने अंकेक्षित वित्तीय परिणामों की घोषणा की। इसने समूह स्तर पर अब तक की अपनी सबसे जबरदस्त लाभदेयता दर्ज कराई। समूह ने ₹34 करोड़ का कर-पश्चात मुनाफ़ा दर्ज कराया, जो वित्त वर्ष’24 में ऋणात्मक ₹14 करोड़ था और यह 340% से अधिक की वर्ष-दर-वर्ष की वृद्धि को दर्शाता है। मज़बूत यूनिट इकॉनमिक्स, अधिक जोखिम प्रबंधन, एवं टिकाऊ राजस्व वृद्धि के दम पर यह उपलब्धि समूह की शानदार वित्तीय स्थिति को रेखांकित करती है।
विनियामक बाधाओं के बावजूद, लेनदेनक्लब ग्रुप ने दमदार प्रदर्शन किया है। पूरे वर्ष भर का समेकित राजस्व वित्त वर्ष’24 के ₹185 करोड़ से 28% बढ़कर ₹236 करोड़ हो गया। परिचालन क्षमताओं और लागत प्रबंधन के प्रति अनुशासित दृष्टिकोण ने लाभदेयता को मज़बूती प्रदान की। समूह ने ₹50 करोड़ का धनात्मक एबिटा दर्ज कराया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 300% से भी अधिक रहा। आकस्मिक नीतिगत बदलाओं, मौजूदा लेनदेन को नये कानून के दायरे में लाने की आवश्यकता, और भुगतान तंत्र में सुधार हेतु छोटी ट्रांजिशन अवधि सहित इस क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली विनियामक बाधाओं को देखते हुए यह काफ़ी महत्वपूर्ण है।
ये परिणाम लेनदेनक्लब समूह के विविध व्यावसायिक क्षेत्रों की मजबूती को दर्शाते हैं, जिनमें पीयर-टू-पीयर (पी2पी) ऋण, ऋण सेवा प्रदाता (एलएसपी) संचालन, और प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता (टीएसपी) सेवाएँ शामिल हैं। ये वे क्षेत्र हैं जिनमें समूह ने दो साल पहले रणनीतिक रूप से विविधता लाई थी और जो अब समग्र प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म व्यवसाय का समूह के राजस्व में लगभग 20% का योगदान है।
इसके प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े विभिन्न व्यवसायों में, समूह ने संचयी रूप से अब तक ₹16,000 करोड़ से अधिक ऋण के वितरण में सहयोग दिया है। इसके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 3 करोड़ से अधिक है। ये उपलब्धियाँ एक विविधीकृत डिज़िटल क्रेडिट इकोसिस्टम के रूप में इसकी भूमिका को दर्शाती हैं। इसके डिज़िटल क्रेडिट इकोसिस्टम ने भारत में ऋण एवं वैकल्पिक निवेश को सक्षम किया है।
परिणामों पर टिप्पणी करते हुए, लेनदेनक्लब ग्रुप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भाविन पटेल ने कहा, “वित्त वर्ष’25 हमारे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष है। पी2पी ऋण में विनियामक बदलाओं के बावजूद समूह स्तर पर लाभदेयता हासिल हुई, जिसके लिए व्यावसायिक पुनर्संरचना आवश्यक थी। पिछले वर्ष में, हमने विनियमन-पूर्व पी2पी लेनदेन की लिगेसी पर लगभग नियंत्रण कर लिया है, तथा हमारी सभी नई पद्धतियाँ अब नये नियामक ढांचे के अनुरूप हैं।
इस अवधि के दौरान हमारा जोर नींव को मज़बूत करने, परिचालन क्षमताएँ हासिल करने, एवं विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स पर नवाचार को गति देने पर रहा है। यह परिवर्तन हमारे तंत्र की मज़बूती और उस विश्वास का प्रमाण है जो हमें लगातार लेनदारों और देनदारों दोनों से मिल रहा है। अब तक, हमारे इकोसिस्टम ने लगभग 1 करोड़ भारतीयों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, जिनमें से अधिकांश पारंपरिक वित्तीय संस्थानों से वंचित खंडों से हैं।
इसके समानांतर, ऋण सेवा प्रदाता (एलएसपी) परिचालनों और तकनीकी सेवा प्रदाता (टीएसपी) पेशकशों में हमारे विविधीकरण ने समूह स्तर पर महत्वपूर्ण मूल्य प्रदान करना शुरू कर दिया है। आगे, हमें विश्वास है कि तकनीकी नवाचार के लिए सही प्रोत्साहन और समर्थन के साथ, न केवल हमारी कंपनी बल्कि समग्र रूप से फिनटेक क्षेत्र कहीं अधिक विकास और प्रभाव प्राप्त कर सकता है।“
आगे, कंपनी की योजना है कि यह आँकड़ा-आधारित तथ्यों को प्रभावी तरीके से उपयोग में लाकर, सेवा-वंचित खंडों में पहुँच बढ़ाकर, और संस्थानों एवं इकोसिस्टम पार्टनर्स के साथ गहराई से सहयोग करके ऋण की सुलभता बढ़ायेगी। यह समूह अनुपालन एवं विनियामक अपेक्षाओं के अनुरूप स्वयं को बनाए रखते हुए लगातार नए-नए निवेश उत्पाद एवं ऋण समाधान उपलब्ध करा रहा है।