रविवार, अगस्त 03 2025 | 08:53:22 PM
Breaking News
Home / ऑटो-गैजेट्स / सेकंड हैंड कारों ने बिगाड़ी ऑटो सेक्टर की सेहत

सेकंड हैंड कारों ने बिगाड़ी ऑटो सेक्टर की सेहत

मुंबई। वाहन उद्योग में मंदी का सबसे बड़ा कारण यूज्ड कार यानी सेकंड हैंड कारें हैं। भारतीय बाजार में सेकंड हैंड कारों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है और इसकी वजह से नई कारों की बिक्री घटने लगी है। ब्लूमबर्ग के एक्सपर्ट की तो कम से कम यही राय है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में मंदी ओला और उबर जैसे टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियों की लोकप्रियता बढऩे के कारण आई है। युवा तबका मोबाइल एप पर उपलब्ध टैक्सी सेवाएं पसंद करता है। अगस्त के दौरान नई कारों की बिक्री में 41 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट देखी गई है। अर्थव्यवस्था में मंदी जैसे हालात, आय वृद्घि में सुस्ती और बचत घटने की वजह से नई कारों की बजाए यूज्ड कारों का बाजार और बढ़ सकता है। उनका कहना है कि पिछले सात वर्षों में यूज्ड कार सेग्मेंट में संगठित क्षेत्र की दिलचस्पी लगातार बढ़ी है। इससे सेकंड हैंड कारों के प्रति ग्राहकों का भरोसा बढ़ा है।

सेकंड हैंड वाहनों पर टैक्स की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 12 व 18 प्रतिशत

सरकार ने इंजन की साइज के आधार पर सेकंड हैंड वाहनों पर टैक्स की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 12 व 18 प्रतिशत कर दिया है। इसके कारण यह सेग्मेंट पहले से ज्यादा आकर्षक हो गया है। पिछले साल सेकंड हैंड बाजार में 6 से 8 साल पुरानी कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 28 फीसदी हो गई है, जो महज 2 साल पहले शून्य थी। करीब 50 फीसदी सेकंड हैंड कारों के खरीददार 25 से 34 साल उम्र के हैं। देश में कारों की सबसे ज्यादा मांग इसी उम्र के ग्राहकों से निकलती है।

https://www.corporatepostnews.com/sluggishness-in-automobile-sector-due-to-use-of-ola-uber-mentality-finance-minister/ ओला-उबर इस्तेमाल करने की मानसिकता की वजह से आई ऑटोमोबाइल सेक्टर में सुस्ती: वित्त मंत्री

Check Also

स्‍कोडा ऑटो इंडिया ने जयपुर में दो नए शोरूम शुरू किए, राजस्‍थान में टचपॉइंट्स की संख्‍या हुई 14

2025 के अंत तक 350 टचपॉइंट्स तक पहुंचने का लक्ष्‍य जयपुर. प्रीमियम कार निर्माता स्‍कोडा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *