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धर्म के नाम पर ली रियायती जमीन, अब वाणिज्यिक उपयोग

                                                     

       जयपुर के अणुविभा केन्द्र बना शादी-समारोह स्थल
जयपुर. मालवीय नगर के अणुविभा केन्द्र जिसे जेडीए ने अणुव्रत ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन को रियायती दर पर दिया था पर वाणिज्यिक गतिविधियां जोरों से चल रही है। गौरतलब है कि इस भूखण्ड को जेडीए ने धर्म-कर्म के नाम से आवंटित किया था और कमरें बनाने की इजाजत योग चिकित्सा के लिए दी गई थी परंतु अब यहां पर कमरों को वाणिज्यिक चलाया जा रहा है।
सच्चाई-
अणुव्रत ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन को ये भूखण्ड आवंटित किया गया था और सोसायटी ने अपने लक्ष्य और उद्देष्यों के बारे में बताते हुए ये कभी नहीं लिखा कि इसमें जैन व अन्य समाज की होने वाले शादी/जन्मदिवस/समारोह के लिए कमरें बनाए जा रहे हैं.
अणुविभा केन्द्र में 241000 अक्षरें दो लाख इक्तालिस हजार रूपए लेकर 31 कमरें, 2 डोरमेट्री और हॉल किराए पर दिए जा रहे हैं.
अणुव्रत ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयकर विभाग से भी चैरिटेबल सोसायटी की छूट ली गई है जिसका उल्लेख अणुव्रत सोसायटी की जेडीए में मौजूद फाइल में है, परंतु चैरिटी जैसा वहां कुछ नहीं है.
होटल की जगह अणुविभा केन्द्र में भी 1000 रूपए प्रति कमरें का किराया लिया जाता है और चेकइन और चेकआउट का समय भी निर्धारित है।
अणुव्रत ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन को जेडीए ने पार्किंग के लिए भी जगह दी गई है जबकि ऐसे व्यवसायिक बिल्डिंग के लिए जेडीए लॉ के अनुसार संस्थान को ही पार्किंग की व्यवस्था निर्माण के समय कर देनी थी, परंतु तब संस्थान ने धर्मादा का हवाला देते हुए ये जमीन को रियायती दर पर आवंटन करा लिया और उसके बाद निर्माण में भी सेटबेक/पार्किंग में छूट ले ली गई, जो कि जेडीए नियमों के खिलाफ भी है।

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