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सरकार की मेगा बैंक विलय योजना: यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के साथ इंडियन बैंक व इंडियन ओवरसीज बैंक के मर्जर पर विचार,

कुछ बैंकों का निजीकरण भी संभव

New delhi. सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्गठन के लिए एक नई मेगा बैंक मर्जर योजना तैयार कर रही है। इस योजना के तहत कई बैंकों को आपस में मिलाने और कुछ को निजीकरण के लिए चुने जाने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार, सरकार यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया को आपस में मिलाने की योजना बना रही है। यदि यह विलय योजना के अनुसार पूरा होता है, तो यह नया बैंक देश की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।

दोनों— यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया —का मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) है, जिसकी कुल परिसंपत्तियाँ ₹18.62 ट्रिलियन हैं (30 जून 2025 तक)। यह परिसंपत्ति आधार इसे निजी बैंकों जैसे एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित, सभी बैंकों में चौथे स्थान पर रखता है।
अगर यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का विलय होता है, तो संयुक्त बैंक की कुल परिसंपत्तियाँ ₹25.67 ट्रिलियन तक पहुँच जाएँगी।

इसी के साथ, वित्त मंत्रालय इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) को भी मिलाने की योजना बना रहा है। ये दोनों बैंक चेन्नई में मुख्यालय रखते हैं।

इसके अलावा, पंजाब एंड सिंध बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को आगामी चरणों में निजीकरण (Privatization) के लिए चुना जा सकता है। अन्य सरकारी नियंत्रण वाले बैंकों के विलय (Amalgamation) पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि इस प्रक्रिया की समय-सीमा (Timeline) अभी तय नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026–27 (FY27) में शुरू हो सकती है।

सरकार की यह मेगा मर्जर योजना छोटे बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मिलाकर कम लेकिन अधिक मज़बूत संस्थान बनाने की दिशा में कदम है। इसका उद्देश्य देश की बैंकिंग प्रणाली को अधिक मज़बूत, कुशल और प्रभावी बनाना है, ताकि क्रेडिट ग्रोथ और वित्तीय सुधारों के अगले चरण को समर्थन मिल सके।

पहले भी ऐसी रिपोर्टें सामने आई थीं कि सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को बड़े बैंकों जैसे पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ मिलाने पर विचार कर रही है।

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