मुंबई. अर्था ग्लोबल ऑपर्च्युनिटीज फंड (Artha Global Opportunities Fund), जो GIFT सिटी (गांधीनगर) में स्थानांतरित होने वाला पहला ऐसा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) है जो डिस्ट्रेस्ड एसेट्स और स्पेशल सिचुएशन्स पर केंद्रित है, ने भारत में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) से जुड़ी सिक्योरिटीज रिसीट्स से निवेश से एग्ज़िट करते हुए अपनी $112 मिलियन की मूल राशि पर 6 गुना से अधिक रिटर्न अर्जित किया है।
अर्था भारत इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स IFSC LLP के मैनेजिंग पार्टनर सचिन सावरिकर ने बताया, “लोन चुकता करने के बाद अब हमने $600 मिलियन की नेट प्राप्ति की है, जिससे निवेशकों को महज दो वर्षों में 6 गुना से अधिक रिटर्न मिला है।”
यह फंड $132.5 मिलियन (₹1,100 करोड़) का क्लोज-एंडेड फंड है जिसकी अवधि 7 वर्षों की है, और इसे IFSCA नियमों के तहत कैटेगरी III वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह फंड ऑपरेशनल एसेट्स द्वारा समर्थित नॉन-परफॉर्मिंग लोन (NPLs) को निजी लेनदेन के माध्यम से खरीदने में विशेषज्ञता रखता है।
फंड की आगामी योजना: सावरिकर ने बताया कि वे वर्तमान में तीन नई डिस्ट्रेस्ड इन्वेस्टमेंट डील्स का मूल्यांकन कर रहे हैं, जिससे शेष अवधि में निवेशकों को और बेहतर रिटर्न दिया जा सके।
IBC के तहत भारत की डिस्ट्रेस्ड एसेट रिज़ॉल्यूशन नीति की सफलता
यह बड़ी निकासी इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत भारत की परिसंपत्ति समाधान नीति की मजबूती को दर्शाती है। “हालांकि IBC प्रक्रिया की समयावधि को लेकर कुछ आलोचना रही है, लेकिन हमारी इस एग्जिट से यह साबित होता है कि अगर सही एसेट चुने जाएं तो बेहतरीन रिटर्न अर्जित किया जा सकता है।” – सावरिकर
अर्था भारत की स्थापना सचिन सावरिकर ने की थी, जो SBI म्यूचुअल फंड में पूर्व इक्विटी फंड मैनेजर और अनुभवी प्राइवेट इक्विटी प्रोफेशनल हैं। GIFT सिटी में स्थानांतरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस क्षेत्र को एक वैश्विक वित्तीय सेवा केंद्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप किया गया था।