New delhi. राजनीतिक दलों को दान के नाम पर कटौती (डिडक्शन) का दावा करने वालों पर अब आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80GGC के तहत कटौती का लाभ लेने वाले करदाताओं को अब विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है।
क्या है नोटिस में?
आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं को नोटिस भेजकर यह पूछा है कि उन्होंने जिस राजनीतिक दल को दान किया, उसके बारे में उन्हें जानकारी कैसे मिली, और दान का उद्देश्य क्या था। इस कदम को कालाधन रोकथाम और राजनीतिक चंदों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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आयकर विभाग द्वारा मांगी गई मुख्य जानकारियां:












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पृष्ठभूमि:
धारा 80GGC के अंतर्गत, कोई भी व्यक्ति राजनीतिक दल को चेक/डिजिटल माध्यम से दान करता है तो उसे 100% कटौती का लाभ मिलता है (बशर्ते दान नकद न हो)। परंतु हाल के वर्षों में कई मामलों में संदेह रहा है कि इस प्रावधान का दुरुपयोग कर बेनामी या शेल दान के माध्यम से कालेधन को वैध किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय:
वित्तीय पारदर्शिता और चुनावी फंडिंग सुधारों की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो दान किए जा रहे हैं, वे वास्तविक हैं और उनका कोई पारदर्शी स्रोत है।