New delhi. राजनीतिक दलों को दान के नाम पर कटौती (डिडक्शन) का दावा करने वालों पर अब आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80GGC के तहत कटौती का लाभ लेने वाले करदाताओं को अब विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है।
क्या है नोटिस में?
आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं को नोटिस भेजकर यह पूछा है कि उन्होंने जिस राजनीतिक दल को दान किया, उसके बारे में उन्हें जानकारी कैसे मिली, और दान का उद्देश्य क्या था। इस कदम को कालाधन रोकथाम और राजनीतिक चंदों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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आयकर विभाग द्वारा मांगी गई मुख्य जानकारियां:
राजनीतिक दल से परिचय कैसे हुआ? – उस व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर और पता जिसने राजनीतिक दल से आपका परिचय करवाया।
घोषणापत्र (Manifesto) का प्रभाव: राजनीतिक दल के कौन से मुद्दे या वादे आपको प्रभावित कर सके?
दल की पृष्ठभूमि: आपके शहर में पार्टी का पता, आधारभूत जानकारी।
स्थानीय नेतृत्व: उस पार्टी के शहर/जिले के अध्यक्ष का नाम व संपर्क विवरण।
दान प्रक्रिया में मदद करने वाला व्यक्ति: जिसने पार्टी से संपर्क करवाया, उसकी पहचान और नंबर।
बैंक जानकारी कैसे मिली? – पार्टी के बैंक खाते का विवरण आपको किसने और कैसे दिया?
बैंक डिटेल: जिस खाते में NEFT/चेक के माध्यम से दान भेजा गया।
रसीद किसने जारी की? – रसीद जारी करने वाले व्यक्ति की जानकारी।
समर्थन दस्तावेज: दान की रसीद की कॉपी और बैंक स्टेटमेंट जिसमें यह राशि दिख रही हो।
क्या आप किसी पार्टी गतिविधि में शामिल हुए हैं? – जैसे सभा, प्रचार आदि।
प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष को दान क्यों नहीं किया? – इन विकल्पों में भी 100% छूट मिलती है, तो केवल राजनीतिक पार्टी को ही क्यों चुना?
अन्य कटौती का विवरण: अन्य सेक्शनों में अगर कोई छूट ली है, तो उसकी जानकारी और दस्तावेज दें।⸻
पृष्ठभूमि:
धारा 80GGC के अंतर्गत, कोई भी व्यक्ति राजनीतिक दल को चेक/डिजिटल माध्यम से दान करता है तो उसे 100% कटौती का लाभ मिलता है (बशर्ते दान नकद न हो)। परंतु हाल के वर्षों में कई मामलों में संदेह रहा है कि इस प्रावधान का दुरुपयोग कर बेनामी या शेल दान के माध्यम से कालेधन को वैध किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय:
वित्तीय पारदर्शिता और चुनावी फंडिंग सुधारों की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो दान किए जा रहे हैं, वे वास्तविक हैं और उनका कोई पारदर्शी स्रोत है।
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