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सर्दियों में जोड़ों और स्पाइन का इस तरह रखें ख्याल, जानिए डॉक्टर से

नई दिल्ली| सर्दियों में जोड़ों, कमर और स्पाइन में दर्द बढ़ जाता है। ठंड में हमारा शरीर हमारे दिल के आसपास खून की गर्माहट बनाए रखता है, जिसके कारण शरीर के अन्य अंगों में खून की आपूर्ति कम हो जाती है। इसके अलावा तापमान में गिरावट होने से जोड़ों में रक्त की नलिकाएं (ब्लड वेसल्स) सिकुड़ती हैं और जिससे हाथ-पैर जैसे अंगों में खून का तापमान कम हो जाता है, जिसके चलते जोड़ों में अकड़न तथा दर्द महसूस होने लगता है।

आर्थराइटिस

जब त्वचा ठंडी होती है तो दर्द का असर अधिक महसूस होता है। इस दर्द को आर्थराइटिस (arthritis) भी कहा जाता है। आर्थराइटिस (arthritis) आमतौर पर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों और इनमें भी विशेषकर महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। चूंकि पूरे शरीर का भार घुटने उठाते हैं, इसलिए आर्थराइटिस की समस्या के चलते इन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।

सर्दियों में कम पानी पीना, कहीं बन ना जाए परेशानियों का सबब

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर. अभिषेक वैश्य का कहना है कि सर्दियों में कई कारणों से हमारी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं और जहां दर्द नहीं हो रहा होता है वहां भी दर्द होने लगता है। सर्दियों मे रीढ़ में चोट से बचकर रहना जरूरी है, क्योंकि हर तरह के ट्रौमा से बचाव करना बहुत जरूरी है। सर्दियों में मामूली चोट भी काफी कष्टदायक हो जाती है। ठंड के मौसम में हमें अपने आप को गर्म रखना बहुत जरूरी है। अपने शरीर को गर्म कपड़ें से ढक कर रखें। इसके अलावा गर्म पानी, गर्म दाल, सूप जैसे पेय का सेवन करते रहें।। खाना भी गर्म खायें। इससे हमारे शरीर को गर्मी मिलती है और हमारे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं।

शराब और सिगरेट से बचें

कुछ लोग शरीर को गर्म रखने के लिए शराब एवं सिगरेट का सेवन करते हैं लेकिन सिगरेट हमारी हड्डियों को बिल्कुल नाजुक एवं खोखला बना देता हैं। अल्कोहल से शरीर में फौरी तौर पर गर्मी मिलती है लेकिन उसके प्रभाव से हम जब नशे में होते हैं तो सोने के समय हम रजाई या कंबल ठीक से नहीं ओढते हैं। यहां तक कि हम पंखा भी चला लेते हैं। इसका घातक प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण अगले दिन हम खासी जुकाम के षिकार हो जाते हैं। खासने पर भी हमारी मांसपेशियों, जोड़ों एवं स्पाइन पर दवाब पड़ता है जिससे दर्द बढ़ सकता है। हमें खांसी या संक्रमण से बचाव करना चाहिए।

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