मंगलवार, अक्तूबर 21 2025 | 06:51:56 AM
Breaking News
Home / राजकाज / डिजिटल कर के वैकल्पिक नियम

डिजिटल कर के वैकल्पिक नियम

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की कर समिति गूगल, फेसबुक, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट समेत बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए वैश्विक कर समझौतों के बजाय डिजिटल सेवाओं पर कर के वैकल्पिक नियम बना रही है। भारत भी इस समिति का हिस्सा है। समिति इन नियमों को बहुपक्षीय कर संधियों में अपनाने के बारे में भी विचार कर रही है।

समिति में भारत समेत 25 देशों के प्रतिनिधि हैं। इसकी बैठक दो सप्ताह पहले हुई थी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के मॉडल की रूपरेखा और इसके नतीजों पर चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या इस मॉडल को बहुपक्षीय रूप से लागू किया जा सकता है, जो डिजिटल सेवाओं से आमदनी पर कर अधिकारों की द्विपक्षीय बातचीत से ज्यादा तेज एवं कारगर है।

यह बहुपक्षीय रास्ता आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के वैश्विक कर समझौते के समानांतर होगा। इसके तहत लघु एवं मझोली कंपनियों पर भी कर लगाया जा सकेगा, भले ही उनका कारोबार आकार या सीमा कुछ भी हो। स्तंभ एक केवल 50 से 70 बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर ही लागू होगा क्योंकि इसमें 20 अरब यूरो आमदनी और न्यूनतम 10 फीसदी मुनाफे की शर्त रखी गई है।

139 देशों की अगुआई वाला ओईसीडी सहमति आधारित द्विस्तंभीय पैकेज डील पर काम कर रहा है ताकि डिजिटलीकरण की चुनौतियों को मद्देनजर रखते हुए मौजूदा कर प्रणाली को बदला जा सके। पहला स्तंभ मुनाफे के अतिरिक्त हिस्से के उन बाजार क्षेत्रों में पुनरावंटन से संबंधित है, जहां उसके उपयोगकर्ता हैं। दूसरा स्तंभ अधिकतम 15 फीसदी वैश्विक कर से संबंधित है। ओईसीडी सहमति आधारित समाधान मुहैया कराता है। इससे इतर संयुक्त राष्ट्र का मॉडल देशों को डिजिटल अर्थव्यवस्था पर कर शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए ज्यादा लचीलापन और अधिक कर अधिकार मुहैया कराता है।

Check Also

Center and RBI told Supreme Court- Loan Moratorium can be extended for 2 years

नो-फॉल्ट’ मुआवजे की सीमा क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी पेच को बड़ी बेंच के पास भेजा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 163A के तहत ‘नो-फॉल्ट’ …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *