Birch by Romeo Lane नाम के चर्चित नाइट-क्लब में हुई आग की भीषण tragedy सामने आई है — जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में पाया गया कि इस आग की वजह क्लब के अंदर इलेक्ट्रिक पटाखों / आतिशबाज़ी (firecrackers / pyroguns) फोड़े जाने से लगी चिंगारी थी। 
क्या हुआ — पूरा घटनाक्रम- घटना रात करीब 11:45 बजे उस समय हुई, जब क्लब में डांस-फ्लोर पर भीड़ थी और लाइव प्रोग्राम चल रहा था। उसी दौरान — जैसा कि कुछ चश्मदीदों ने बताया — मंच पर आतिशबाज़ी फोड़ी गई। 
- पटाखों की चिंगारी के कारण आग लगी और तुरंत ही क्लब में घनी आग और धुआँ फैल गया। क्लब की एक चपड़ी—छोटी और अस्थायी — संरचना (thatched / wooden / bamboo / palm-leaves) होने की वजह से आग तेजी से फैल गई। 
- आग लगने के बाद कई लोग नीचे स्थित किचन एवं बेसमेंट की ओर दौड़े, लेकिन narrow exit / limited exits और मार्गों की स्थिति खराब होने की वजह से वे फँस गए। अंदाज़ा है कि अधिकांश मृतक धुआँ व असहनीय परिस्थितियों की वजह से suffocation (दम घुटने) की वजह से मरे। 
- कुल 25 लोगों की मौत हुई — जिनमें से 20 क्लब स्टाफ थे और 5 पर्यटक थे। मृतकों में महिलाएं और पुरुष — दोनों शामिल हैं। 
- इसके अलावा लगभग 50 अन्य लोग घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 
मालिक कौन थे — और क्या कार्रवाई हुई
- इस क्लब के मालिकों के नाम हैं Saurabh Luthra और Gaurav Luthra। 
- उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है — आरोप हैं “culpable homicide” (घातक लापरवाही से हत्या) और साथ ही उन पर क्लब चलाने के लिए अनिवार्य सुरक्षा मानकों (fire safety clearances / NOC) को नजरअंदाज करने का भी मामला है। 
- साथ ही क्लब के प्रबंधन के चार प्रमुख कर्मी — Rajiv Modak (Chief General Manager), Vivek Singh (General Manager), Rajveer Singhania (Bar Manager), और Priyanshu Thakur (Gate Manager) — को गिरफ्तार किया गया है। 
- स्थानीय पैनचायत के उस अधिकारी को भी हिरासत में लिया गया है जिसने क्लब को लाइसेंस जारी किया था — आरोप है कि उन्होंने नियमों और अनापत्ति प्रमाण पत्र की अनदेखी की थी। 
किस तरह सुरक्षा लापरवाहियाँ थीं
- क्लब में आवश्यक फायर-एनओसी नहीं थी। 
- क्लब की इमारत अस्थायी / असुरक्षित सामग्री — जैसे wooden / bamboo / thatched structure — से बनी थी, जिसने आग को तेज़ी से फैलने में मदद की। 
- प्रवेश और निकास रास्ते — exits / emergency exits — पर्याप्त नहीं थे, जिससे आग लगने पर लोग भाग नहीं पाए। 
- मृतकों में अधिकतर kitchen स्टाफ थे — किचन या बेसमेंट में फँसने की वजह से उन्होंने बचने का मौका तक नहीं पाया। 
क्या हुआ अब — जांच और प्रतिक्रिया
- राज्य सरकार ने माघिस्ट्रेटल इन्क़्वायरी (magisterial inquiry) का आदेश दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्लब कैसे संचालन में था और किन-किन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ था।
- मुआवजे की घोषणा भी हुई है — मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की बात कही गई है।
- इसके अलावा, गोवा सरकार ने अन्य नाइट-क्लब्स और पब्लिक एंटरटेनमेंट वेन्यूस की फायर-सेफ्टी ऑडिट और नियमों की समीक्षा शुरू करने की घोषणा की है।
यह हादसा — जो मज़ा और पार्टी का हिस्सा बनने आया था — अचानक मौत का कारण बन गया। यह त्रासदी हमें याद दिलाती है कि मनोरंजन-स्थलों में सुरक्षा और नियमों का पालन कितना ज़रूरी है।
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