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फ्लाइट में देरी , बोर्डिंग न मिलने पर करें इन अधिकारों का इस्तेमाल

जयपुर। कई बार ऐसा होता है कि फ्लाइट में देरी हो जाती है। कभी टेक ऑफ लेट होता  है तो कभी लैंडिंग। कई बार आपको बोर्डिंग नहीं मिल पाती या फ्लाइट कैंसल हो जाती है। ऐसे में आपके कुछ अधिकार हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं, ऐसी सूरतों में आप किन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

4 घंटे देरी : खाना और नाश्ता पाने के हकदार

अगर फ्लाइट के तय समय से 24 घंटे से कम की, लेकिन 4 घंटे से ज्यादा की देरी है तो मुसाफिर खाना और नाश्ता पाने के हकदार हैं। अगर 24 घंटे से ज्यादा की देरी है, तो होटल में रहने की व्यवस्था की जाएगी। होटल का चुनाव एयरलाइन की पॉलिसी के मुताबिक किया जाएगा। अगर एयरलाइन के कंट्रोल से बाहर के कारणों के चलते देरी होती है या रद्द होती है तो मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है। इनमें राजनीतिक अस्थिरता, प्राकृतिक हादसा, गृह युद्ध, बम विस्फोट, दंगा, उड़ान को प्रभावित करने वाले सरकारी आदेश और हड़ताल शामिल हैं।

बोर्डिंग नहीं मिलने पर

ओवरबुकिंग की वजह से एयरलाइन आपको कन्फर्म बुकिंग के बावजूद बोर्डिंग नहीं करने देती है तो…

  • -एयरलाइन को आपके लिए मूल फ्लाइट के उड़ान भरने के समय से 1 घंटे के अंदर दूसरी फ्लाइट का इंतजाम करना होगा। अगर एयरलाइन ऐसा नहीं कर पाती है तो आप मुआवजा पाने के हकदार हैं।
  • – अगर मूल फ्लाइट के समय के 24 घंटे के अंदर आपको दूसरी फ्लाइट दी जाती है तो एक तरफ के बेसिक फेयर का 200 पर्सेंट और एयरलाइन की फ्यूल चार्ज का जोड़कर मुआवजा मिलेगा, जो अधिकतम 10,000 रुपये तक हो सकता है।
  • -अगर मूल फ्लाइट के समय के 24 घंटे के बाद आपको मिली वैकल्पिक फ्लाइट उड़ान भरती है तो एक तरफ के बेसिक फेयर का 400 पर्सेंट और एयरलाइन की फ्यूल चार्ज का जोड़ पाने के हकदार हैं, जो अधिकतम 20,000 रुपये हो सकता है।
  • -अगर पैसेंजर वैकल्पिक फ्लाइट नहीं लेता है तो उसे टिकट का पूरा पैसा और एक तरफ के बेसिक फेयर का 400 पर्सेंट और एयरलाइन की फ्यूल चार्ज को जोड़कर मिलेगा, जो अधिकतम 20,000 रुपये हो सकता है।

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