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Khairthal-Tijara district in-charge minister held a meeting of district level officers

खैरथल-तिजारा जिला प्रभारी मंत्री ने ली जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक

वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में अधिक से अधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के दिए निर्देश, हरियालो राजस्थान के तहत दुर्लभ नाथ मंदिर में जिला प्रभारी मंत्री ने किया पौधारोपण

 

जयपुर। खैरथल-तिजारा जिले के प्रभारी एवं कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना (Agriculture and Horticulture Minister Dr. Kirori Lal Meena) ने निर्देश दिए कि वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में आमजन की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। अधिकारी फील्ड में जाकर कार्यों का अवलोकन करें।

 

प्रभारी मंत्री ने सोमवार को जिले में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान की क्रियान्विति को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान के पम्फलेट का विमोचन किया गया और जल संरक्षण का संकल्प भी लिया गया।

 

उन्होंने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत अब तक हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि अभियान के तहत हर गतिविधि में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करें।

 

मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीना ने अधिकारियों को भूजल संरक्षण हेतु पारंपरिक पद्धतियों के पुनरुद्धार और जल संवर्धन में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक अधिकारी पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और यह जिम्मेदारी धरातल पर भी दिखनी चाहिए। अधिकारी आमजन के हितों को सर्वोपरि रखते हुए कार्य करें। श्री मीना ने कहा कि योजनाओं के समुचित प्रचार—प्रसार और वंदे गंगा अभियान से मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का प्रदेश कल्याण का सपना साकार होगा।

 

खैरथल-तिजारा जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने अभियान के तहत अब तक किए कार्यों से पीपीटी के माध्यम से जिला प्रभारी मंत्री को अवगत करवाया और भविष्य में किए जाने वाले कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।

 

दुर्लभ नाथ मंदिर में जिला प्रभारी मंत्री ने किया पौधारोपण एवं श्रमदान

 

इसके पश्चात कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने कोटकासिम स्थित दुर्लभ नाथ जी मंदिर, कतोपुर में वंदे गंगा अभियान के तहत जोहड़ की सफाई में श्रमदान कर “हरियालो राजस्थान” अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया। उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने पारंपरिक औजारों की सहायता से जोहड़ से मिट्टी निकालकर उसकी पाल पर डाली, जिससे जल संचयन की क्षमता बढ़ सके। कार्यक्रम के दौरान प्रभारी मंत्री ने उपस्थित आमजन को जल संरक्षण की शपथ दिलाई तथा जल व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि जल ही जीवन है, और इसका संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि आज हम जल स्रोतों की रक्षा नहीं करेंगे, तो भविष्य की पीढ़ियों के लिए संकट खड़ा हो जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि वर्षा जल को सहेजने के लिए जोहड़, तालाब, कुएं जैसे पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन जरूरी है। साथ ही उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे हर मौसम में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें, क्योंकि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण को संतुलित करता है, बल्कि वर्षा और जल संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मंत्री ने कहा कि ऐसे सामूहिक प्रयासों से ही जल संकट पर नियंत्रण पाया जा सकता है और एक स्वच्छ, हरित एवं टिकाऊ भविष्य की ओर हम अग्रसर हो सकते हैं।

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