जयपुर। वर्तमान प्रचलित शिक्षा प्रणाली से स्टूडेंट्स का स पूर्ण विकास संभव नहीं है। इसलिए अब ऐसे एजुकेशन सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही है जिससे स्टूडेंट्स को शिक्षण काल में ही कार्य क्षेत्र के बारे जानकारी मिल सके। इसके लिए लर्निंग बाय डूइंग कॉन्सेप्ट डलवलप हो रहा है। यह बात गुरुवार को एक कार्यक्रम में शिवनादर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट डीन ऑफ अंडर ग्रेजुएट स्टडीज डॉ. राजीव कुमार सिंह ने कही। सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शिव नादर यूनिवर्सिटी निजी क्षेत्र में शोध-केंद्रित, बहुविषयक विश्वविद्यालयों में से एक है। इस विश्वविद्यालय ने 2019 के एकेडेमिक सत्र के लिए सभी अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए प्रवेश की घोषणा की। आवेदन की अंतिम तिथि 15 मई, 2019 निर्धारित की गई है। विद्यार्थियों को प्रवेश उनके 12 वीं कक्षा के परिणामों, एसएनयू सैट और एकेडेमिक प्रोफिशियंसी टेस्ट (एपीटी) के आधार पर दिया जाएगा। प्रवेश परीक्षाओं (एसएनयूसैट और एपीटी) में बैठने की अंतिम तिथि 20 मई, 2019 है।

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