मुंबई. भारतीय बाजार नियामक SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹4,800 करोड़ का जुर्माना ठोका है। यह जुर्माना सिर्फ ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के लिए नहीं, बल्कि एक बेहद शातिर रणनीति के तहत F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स) मार्केट को एकतरफा जुए का मैदान बना देने के लिए लगाया गया है।
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क्या था पूरा ‘खेल’?
SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, Jane Street ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया जिसमें रिटेल ट्रेडर हमेशा हारें और वे हमेशा जीतें। ये रहा पूरा घटनाक्रम:
1. बैंकिंग स्टॉक्स में दिखाया ‘नकली जोश’
Jane Street ने पहले HDFC Bank, ICICI Bank और SBI जैसे प्रमुख बैंकिंग स्टॉक्स में भारी खरीदारी की। इससे बैंक निफ्टी तेजी से ऊपर चढ़ा।
2. रिटेल ट्रेडर्स हुए गुमराह
तेजी देखकर लाखों रिटेल ट्रेडर CALL ऑप्शन (जो मार्केट बढ़ने पर फायदा देते हैं) खरीदने लगे, उम्मीद करते हुए कि बाजार और ऊपर जाएगा।
3. Jane Street ने उलटा दांव खेला
वे खुद CALL ऑप्शन बेच रहे थे और PUT ऑप्शन खरीद रहे थे (PUT = बाजार गिरने पर मुनाफा)। यानी रिटेल तेजी के जाल में फंसे, और Jane Street गिरावट की तैयारी कर रहा था।
4. फिर अचानक बिकवाली का हमला
जैसे ही CALL खरीदने वालों की संख्या बढ़ी, Jane Street ने बैंकिंग स्टॉक्स में अचानक भारी बिकवाली कर दी।
→ बाजार गिरा,
→ रिटेल ट्रेडर के CALL बेकार हुए,
→ Jane Street के PUT ऑप्शन मुनाफे में चमक उठे।
SEBI का क्या कहना है?
SEBI की जांच में पाया गया कि Jane Street ने:
• मूल्य में हेरफेर (Price Manipulation) किया,
• ऑप्शन्स में अनुचित लाभ कमाया,
• और छोटे निवेशकों को भ्रमित करने वाली ट्रेडिंग रणनीतियाँ अपनाईं।
SEBI के अनुसार, यह ट्रेडिंग एक्टिविटी बाजार में निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
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🧨 क्या होगा आगे?
• SEBI ने Jane Street को भारत में F&O ट्रेडिंग से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
• ₹4,800 करोड़ का मुआवजा/पेनल्टी चुकाने का आदेश दिया गया है।
• कई बड़े विदेशी ट्रेडिंग संस्थानों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
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📢 क्यों है ये मामला अहम?
F&O बाजार में हर रोज़ लाखों रिटेल ट्रेडर्स छोटी पूंजी से किस्मत आजमाते हैं। लेकिन अगर कोई बड़ा खिलाड़ी जानबूझकर कीमतें घुमा दे, तो यह सट्टेबाज़ी नहीं बल्कि ठगी बन जाती है।
SEBI की यह कार्रवाई निवेशकों के लिए एक चेतावनी है —
“हर तेजी एक मौका नहीं होती, कभी-कभी वो सिर्फ किसी और की चाल होती है।”
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📌 निष्कर्ष
Jane Street का यह मामला दिखाता है कि कैसे एक ग्लोबल फर्म ने भारतीय बाजार को एकतरफा मुनाफे का औज़ार बना दिया। SEBI की कार्रवाई ने न केवल इस खेल को उजागर किया, बल्कि यह भी साफ किया कि भारत का बाजार किसी का निजी खेल का मैदान नहीं है।
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📰 इस केस पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि और विदेशी संस्थाओं पर भी निगरानी होनी चाहिए