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Should Covid be considered death at workplace during industrial activities

क्या कार्यस्थल पर कोविड से मौत को माना जाए औद्योगिक गतिविधियों के दौरान हादसा

जयपुर। इन दिनों एक सवाल सभी के जेहन में घूम रहा है कि कार्य स्थल पर किसी कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित (Covid-19 Infected) होने के बाद उसकी मौत (Corona Death) को औद्योगिक गतिविधियों के दौरान हुआ हादसा मानकर उचित मुआवजा दिया जाए या नहीं? भारतीय उद्योग जगत इस सवाल के जवाब में विभिन्न उपाय करने की मुहिम में जुट गया है।

मौजूदा प्रावधानों में कोविड-19 से हुई मौत शामिल नहीं

कारोबार उत्तरदायित्व सलाहकारों (बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एडवाइजर) के अनुसार मौजूदा प्रावधानों में कोविड-19 से हुई मौत शामिल नहीं है, इसलिए मुआवजा देने या नहीं देने का मामला पूरी तरह कंपनियों पर निर्भर करता है। हालांकि अब अनुबंध पर काम करने वाले कामगारों को बीमा सुरक्षा का लाभ देने और मृत्यु कल्याण कोष से मुआवजा देने जैसे विकल्पों पर विचार हो रहा है।

मुआवजे के लिए मानक दिशानिर्देश तैयार

लॉकडाउन के दौरान भी विनिर्माण इकाइयों को 20 अप्रैल से कड़े दिशानिर्देशों के बीच परिचालन शुरू करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि सभी उपायों के बावजूद कई औद्योगिक इकाइयों में कर्मचारियों के बीच कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आते रहे हैं। कंपनियां अब कोविड-19 से होने वाली मौत (संयंत्र परिसर में संक्रमण की वजह से) और संबंधित मुआवजे के लिए मानक दिशानिर्देश तैयार कर रही हैं। दो बड़ी कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक के बाद तस्वीर अधिक साफ हो पाएगी। इनमें एक अधिकारी ने कहा, ‘हम कोविड-19 संक्रमण से हुई मौत से जुड़े मसलों और मुआवजा दिए जाने संबंधी कदमों पर निदेशक मंडल की अगली बैठक के दौरान चर्चा करेंगे।’

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत मुआवजा देने का प्रावधान

पीडब्ल्यूसी में पार्टनर (सस्टेनिबिलिटी ऐंड रिस्पॉन्सिबल बिजनेस एडवाइजरी) यासिर अहमद ने कहा कि कार्य स्थलों पर हुई मौत या दुर्घटना के लिए कामगार मुआवजा अधिनियम और कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत मुआवजा देने का प्रावधान है। अहमद ने कहा,’कार्य स्थलों पर दुर्घटना की रोकथाम और पेशेवर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा (ओएचएस) के लिए फैक्टरी अधिनियम के तहत कानून एवं दिशानिर्देशों का जिक्र है। ये कमोबेश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) दिशानिर्देशों की तरह ही हैं।’ अहमद ने कहा कि चूंकि, कोविड-19 संक्रमण से हुई मौत से जुड़े मुवाअजे का जिक्र मौजूदा नियामकीय संरचना में स्पष्ट नहीं, है, इसलिए मुआवजा देने या नहीं देने का निर्णय कंपनियों पर निर्भर करेगा।

 कोविड-19 संक्रमण और इससे मौत स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे ही

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) जैसी कंपनियों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण और इससे होने वाली मौत स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे ही माने जाएंगे। कंपनी के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा,’टीकेएम कोविड-19 से जुड़ी मौत को किसी आम बीमारी से हुई स्वाभाविक मृत्यु ही मान रही है।’

कोविड-19 से जुड़े मामलों के लिए विशेष प्रावधान नहीं

टाटा समूह की एक सहायक इकाई के एक अधिकारी ने कहा,’कोविड-19 के कारण किसी कर्मचारी की मौत उसके घर पर या अस्पताल में हो सकती है और कार्य स्थल पर मौत होने की आशंका न के बराबर है। संक्रमित पाए जाने पर कर्मचारी छुट्टी पर होगा, लेकिन उस दौरान उसे वेतन भी मिलेगा। ऐसे में जब तक सरकार कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं देती है तब तक हम कोविड-19 से जुड़े मामलों के लिए विशेष प्रावधान नहीं कर पाएंगे।’

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