मंगलवार, सितंबर 16 2025 | 08:27:39 PM
Breaking News
Home / राजकाज / वायु तरंगों के आवंटन के साथ 5जी परीक्षण की शुरुआत

वायु तरंगों के आवंटन के साथ 5जी परीक्षण की शुरुआत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को वायु तरंगें आवंटित कर देश में 5जी परीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उद्योग सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु, गुजरात, हैदराबाद समेत विभिन्न जगहों पर स्पेक्ट्रम आवंटित किया है। इन कंपनियों को 700 मेगाहट्र्ज, 3.3-3.6 गीगाहट्र्ज और 24.25-28.5 गीगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम दिया गया है। पता चला है कि कंपनियों को 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड में 100 यूनिट, 26 मेगाहट्र्ज मिलीमीटर वेव में 800 यूनिट और प्रीमियम 700 मेगाहट्र्ज बैंड में 10 यूनिट का आवंटन किया है। चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनियों को परीक्षण से बाहर रखा गया है।

छह महीने की मियाद स्पेक्ट्रम आवंटन

परीक्षण पूरे होने के बाद 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामियों की तैयारी शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार सेवा प्रदाता 900 मेगाहट्र्ज, 1,800 मेगाहट्र्ज और 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड में अपने मौजूदा 4जी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल भी परीक्षण में कर सकते हैं। परीक्षण के लिए छह महीने की मियाद स्पेक्ट्रम आवंटन की तारीख यानी 27 मई से शुरू हो गई है।

आंकड़े सरकार और विशेषज्ञों को सौंप दिए

सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक एसपी कोछड़ ने कहा, ‘आम तौर पर परीक्षण पूरे होने के बाद आंकड़े सरकार और विशेषज्ञों को सौंप दिए जाते हैं और उनकी जांच-पड़ताल एवं सोच विचार की प्रक्रिया खत्म होने के फौरन बाद स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो जाती है।’

रिलायंस जियो अपनी तकनीक का करेगी इस्तेमाल

दूरसंचार विभाग ने 4 मई को 5जी परीक्षण के लिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल के आवेदनों को मंजूरी दी थी मगर उन्हें चीनी कंपनियों की तकनीक के बगैर परीक्षण करने हैं। विभाग ने एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट के साथ मिलकर 5जी परीक्षणों को मंजूरी दी थी। रिलायंस जियो इन्फोकॉम देश में ही विकसित अपनी तकनीक का इस्तेमाल करेगी।

5जी तकनीक 4जी से 10 गुना अधिक डाउनलोड स्पीड

सरकार मानती है कि 5जी तकनीक 4जी से 10 गुना अधिक डाउनलोड स्पीड दे सकती है और स्पेक्ट्रम का तीन गुना अधिक इस्तेमाल उससे हो सकता है। परीक्षण के दौरान भारत की आवश्यकताओं में 5जी के इस्तेमाल की परीक्षा होगी। इसमें टेली-मेडिसिन, टेली-एजूकेशन और ड्रोन के जरिये कृषि निगरानी आदि शामिल हैं। दूरसंचार कंपनियां अपने नेटवर्क पर विभिन्न 5जी उपकरणों का परीक्षण कर पाएंगी।

5जी तकनीक का फायदा पूरे देश को

परीक्षण के लिए फिलहाल छह महीने तय किए गए हैं, जिनमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के दो महीने भी शामिल हैं। मंजूरी की चि_ी में लिखा है कि हरेक दूरसंचार सेवा प्रदाता को शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण एवं कस्बाई इलाकों में भी परीक्षण करना होगा ताकि 5जी तकनीक का फायदा पूरे देश को मिले केवल शहरी इलाकों को नहीं।

भारतीय 5जी मानक पर एयरटेल और जियो में मतभेद

Check Also

PNB तिंगराई शाखा में SHG खातों में संदिग्ध लेन‑देन, आरोप और जांच तेज़

New delhi. असम के तिनसुकिया जिले के डिगबोई इलाके स्थित तिंगराई ग्राम पंचायत की पंजाब …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *