रविवार, अगस्त 03 2025 | 04:39:16 AM
Breaking News
Home / बाजार / गोल्ड ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग को वापस ले रही है सरकार, जानें क्या है सच्चाई?

गोल्ड ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग को वापस ले रही है सरकार, जानें क्या है सच्चाई?

कुछ सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि भारत सरकार ने स्वर्ण आभूषणों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था वापस लेने का आदेश जारी किया है. यह पूरी तरह से फर्जी है. सरकार ने कहा कि सोने के आभूषणों (Gold Jewellery) पर अनिवार्य रूप से ‘हॉलमार्किंग’ (Hallmarking) को चरणबद्ध तरीके से 16 जून से क्रियान्वित किया जा रहा है और इसे वापस लेने की बात जिस सर्कुलर में कही जा रही है, वह फर्जी है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, कुछ सोशल मीडिया पर यह खबर चल रही है कि भारत सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था वापस लेने का आदेश जारी किया है. यह पूरी तरह से फर्जी है. सोने के गहनों और कलाकृतियों के लिये अनिवार्य हॉलमार्किं व्यवस्था 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू हो गई है. पहले चरण में 256 जिलों को शामिल किया गया है. सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है. यह अब तक स्वैच्छिक था.

256 जिलों में शुरू हुई गोल्ड हॉलमार्किंग
सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है. राज्यों की सूची में, अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के लिए तमिलनाडु से अधिकतम 24 जिलों की पहचान की गई है. इसके बाद गुजरात 23 जिले और महाराष्ट्र 22 जिले हैं. अनिवार्य रूप से सोने की हॉलमार्किंग के लिए पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लगभग 19 जिलों की पहचान की गई है.

दिल्ली और तेलंगाना में सात-सात जिले, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में 12 जिले, केरल 13 जिले, कर्नाटक के 14 जिले और हरियाणा के 15 जिले की पहचान की गई है. 256 जिलों के सर्राफों को गुणवत्ता के ठप्पे के साथ ही 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति दी गई है.

फिलहाल देशभर में 945 गोल्‍ड हॉलमार्किंग सेंटर्स
गोल्‍ड हॉलमार्किंग से सोने के गहनों की कालाबाज़ारी को रोकने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि उन्‍हें शुद्ध क्‍वॉलिटी का ही सोना मिले. बता दें बीते 5 साल के दौरान देशभर में गोल्‍ड हॉलमार्किंग सेंटर्स की संख्‍या करीब 25 फीसदी बढ़कर से 454 से 945 हो गया है. इसमें से 84 ऐसे सेंटर्स जिन्‍हें केंद्र सरकार की सब्सिडी स्‍कीम के तहत सेटअप किया गया है.

गोल्ड हॉलमार्किंग का फायदा
हॉलमार्किंग से यह तय होता है कि कोई सुनार, जौहरी या सर्राफा अपने ग्राहकों को एक तरह की क्वालिटी देता है. अभी 14,18,20,22,23 और 24 कैरेट की जूलरी बेचने की अनुमति दी गई है. यानी कि कोई भी सुनार इसी कैरेट के गहने बचेगा और ग्राहक को इसकी पूरी जानकारी देगा. अब सवाल है कि कोई ग्राहक कैसे जानेगा कि उसके हाथ आई जूलरी विशुद्ध सोने से बनी है और उसका कैरटेज सही है.

 

 

Check Also

Gold purchases in India affected by Corona, demand fell 30% in third quarter

Jaipur Gold Silver Price: लखपति हुआ सोना, चांदी भी पहुंचा करीब, 60 साल में इतने बढ़े भाव, जानें लेटेस्ट रेट

Jaipur: सोना लगातार इतिहास बनाते जा रहा है. सोने के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *