नई दिल्ली. सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कंपनी मीशो खाद्य एवं किराना बाजार में खलबली मचाने जा रही है। पहले चरण में वह 200 से अधिक मझोले एवं छोटे शहरों में सभी ऑर्डरों पर मुफ्त होम डिलिवरी देगी। कंपनी कमाई के मॉडल के मामले में भी उठापटक मचाएगी। यह अपने प्रतिस्पद्र्घियों की तरह विक्रेताओं से कमीशन लेने के बजाय विज्ञापन से कमाई पर जोर दे रही है।
मीशो के इस कदम से जियो मार्ट, टाटा की बिग बास्केट, एमेजॉन, ग्रोफर्स जैसी इस क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को चुनौती मिलने के आसार हैं, जिनमें से कई ने मुफ्त डिलिवरी के लिए न्यूनतम ऑर्डर कीमत तय की हुई है। मीशो के सह-संस्थापक और सीईओ विदित अत्रे से जब पूछा गया कि वे भरपूर पैसे और बाजार में दबदबे वाले इन दिग्गजों से मुकाबला कैसे करेंगे तो उन्होंने सबसे पहले बताया कि बड़ी कंपनियां नाकाम कहां रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अब तक कोई भी कंपनी बड़े शहरों से आगे ऑनलाइन किराना डिलिवरी के मॉडल का समाधान नहीं खोज पाई है। यही वजह है कि उनका कारोबार सबसे बड़े 6 से 10 बाजारों में ही चल रहा है क्योंकि अन्य जगहों पर अर्थशास्त्र काम नहीं करता है।’
उन्होंने कहा कि मीशो एक बिल्कुुल अलग मॉडल के जरिये छोटे शहरों और कस्बों में ऑनलाइन किराना कारोबार में उतरेगी। मीशो ने कर्नाटक के चुनिंदा छोटे शहरों में किराना सेवा शुरू की है और फार्मीसो के नाम से एक अलग ब्रांड बनाएगी। इसे कपड़े एवं रसोई के सामान से लेकर सौंदर्य एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अन्य उत्पाद क्षेत्रों में तगड़ी सफलता मिली है।
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