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शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए क्रान्तिकारी फैसले – मिशन 2030 का मार्ग हुआ प्रशस्त: मुख्यमंत्री

राजस्थान नर्सिंग काउंसिल का द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन -राजस्थान नर्सिंग काउंसिल का द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन – शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए क्रान्तिकारी फैसले – मिशन 2030 का मार्ग हुआ प्रशस्त: मुख्यमंत्री

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर अहम निर्णय ले रही है। इन्हीं का परिणाम है कि राज्य ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रान्तिकारी आयाम स्थापित किए हैं। इन फैसलों को धरातल पर उतारने में नर्सिंग तथा चिकित्सा कर्मियों की अहम भूमिका रही है। कोविड महामारी के दौरान भी जब इंसान अपनी जिन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था, तब डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने अपनी जान की बाजी लगाकर काम किया था, इसे भुलाया नहीं जा सकता।

 

गहलोत शुक्रवार को बिडला सभागार में आयोजित राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने फ्लोरेंस नाइटिंगल के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर ‘मॉडर्न आउटलुक ऑन नर्सिंग एडवांसमेंट थ्रू एविडेंस बेस्ड प्रेक्टिस’ थीम पर आधारित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारम्भ किया। इस दौरान श्री गहलोत ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी ली तथा नर्सिंगकर्मियो से संवाद भी किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ पीड़ित मानवता की सेवा में लगी हुई है और मेडिकल सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर का निरन्तर विस्तार कर रही है। प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। हर जिले में सरकारी नर्सिंग कॉलेज और हर संभाग में पब्लिक हैल्थ कॉलेज खोले जा रहे हैं। इन सभी फैसलों से राज्य को देश में अग्रणी बनाने के मिशन-2030 का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन किया है, जिसे पूरे देश और दुनिया ने देखा। प्रदेश के भीलवाड़ा मॉडल को सभी ने सराहा। राज्य सरकार ने हजारों श्रमिकों को उनके गंतव्य तक निःशुल्क पहुंचाया। ऑक्सीजन और दवाइयों का अच्छा प्रबंधन किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की प्रथम और दूसरी लहर में राज्य सरकार ने जीवन रक्षा के सर्वोच्च ध्येय के साथ कार्य किया।

 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। एक ओर जहां पूर्ववर्ती सरकार के समय केवल 7 नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोले गए थे, हमने 1773 उप स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं, पूर्ववर्ती सरकार के समय 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गये जबकि गतवर्ष में जो अब 77 खोले गए हैं, पूर्ववर्ती सरकार ने एक भी उप जिला तथा जिला अस्पताल नहीं खोला जबकि हमने 67 उप जिला तथा 27 जिला अस्पताल खोले हैं। साथ ही, हर जिले में नवीन मेडिकल तथा नर्सिंग कॉलेज खोलने का काम भी सरकार द्वारा किया जा रहा है।

 

राज्य सरकार के निर्णय गुड गवर्नेंस के प्रतीक

श्री गहलोत ने कहा कि उनके प्रथम कार्यकाल के दौरान ‘मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष’ की स्थापना की गई थी। दूसरे कार्यकाल में ‘सीएम निःशुल्क जांच एवं निःशुल्क दवा’ योजना लागू की गई, जिसका लाभ प्रदेश के हर गरीब व्यक्ति को हुआ। अब ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ के तहत 25 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा तथा 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा कवर दिया जा रहा है। ओपीडी, आईपीडी निःशुल्क होने के साथ-साथ ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज भी आमजन को निःशुल्क उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसी योजना पूरे देश में कहीं नहीं है। इसी प्रकार, राज्य सरकार के कार्मिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए आरजीएचएस योजना लागू की गई है। कोरोना के दौरान मृतक 330 कोरोना वॉरियर्स के आश्रितों को 165 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान पहला राज्य बन गया है। राज्य सरकार के ये निर्णय गुड गवर्नेंस के प्रतीक हैं।

 

केन्द्र करे राजस्थान की योजनाओं का अध्ययन

श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में लंपी रोग से मृत दुधारू पशुओं के लिए पशुपालकों को 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। साथ ही, कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत प्रति परिवार दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का निःशुल्क बीमा किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं एवं नंदीशालाओं को 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। साथ ही, इसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की स्वतः बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है। सरकारी कार्मिकों के लिए ओपीएस बहाल करने तथा आरजीएचएस लागू करने जैसे निर्णय लिए गए हैं। राज्य सरकार की नीतियों से राजस्थान विकास के सभी मापदण्डों पर अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य की योजनाओं का अध्ययन करवा कर इन्हें पूरे देश में लागू करना चाहिए तथा देशभर में समान रूप से सामाजिक सुरक्षा कानून बनाना चाहिए।

 

मिशन 2030 – राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य

श्री गहलोत ने कहा कि 11.04 प्रतिशत की जीडीपी विकास दर के साथ राजस्थान आज देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य की जीडीपी पिछले 4 साल में करीब 6 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है जो राज्य के विकास का प्रतीक है। स्टेट जीडीपी का आकार बढ़कर इस वित्त वर्ष में 15 लाख करोड़ रुपये होने जा रहा है। हमारे सभी फाइनेंशियल इंडिकेटर्स दूसरे राज्यों के मुकाबले अच्छे हैं। अब मिशन 2030 के तहत स्टेट जीडीपी को 7 साल में 30 लाख करोड़ रुपए के पार ले जाने का लक्ष्य है।

 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। उन्होंने नर्स ग्रेड-प्रथम और द्वितीय का पदनाम परिवर्तन कर सीनियर नर्सिंग ऑफिसर और नर्सिंग ऑफिसर करने, नर्सिंग अधीक्षक पद को अब राजपत्रित (गजेटेड) करने तथा विभिन्न पदों पर नियुक्तियां देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

 

समारोह में अतिरिक्त मुख्य सचिव  शुभ्रा सिंह, निदेशक जन स्वास्थ्य  रविप्रकाश माथुर, रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल शशिकांत शर्मा सहित देशभर से आए नर्सिंगकर्मी, चिकित्साकर्मी तथा अधिकारी उपस्थित थे।

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