नई दिल्ली : हाल ही में अपने एक ट्वीट में एथर एनर्जी के सीईओ, तरुण मेहता ने भारत में आर्थिक वृद्धि के लिए रिसर्च एवं डेवलपमेंट (आरएंडडी) में निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उद्यमियों को भारत में एक मिलियन इंजीनियर्स के आरएंडडी का लक्ष्य बनाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने चीन की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी, बीवाईडी द्वारा आरएंडडी में किए गए बड़े निवेश और इसमें इंजीनियर्स की बढ़ती हुई टीम के बारे में भी बताया।
आरएंडडी की महत्वपूर्ण भूमिका
मेहता ने कहा कि टेक्नोलॉजिकल प्रगति में चीन की सफलता, खासकर इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में, आरएंडडी में किए गए भारी निवेश के कारण संभव हुई है। उन्होंने बताया कि बीवाईडी के पास अब चीन के बाहर संपूर्ण ऑटो उद्योग के मुकाबले ज्यादा बड़ी आरएंडडी टीम है, जिससे उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मकता लाने के लिए आरएंडडी की महत्वपूर्ण भूमिका प्रदर्शित होती है। उन्होंने कहा, ‘‘आरएंडडी टीम का आकार एक लाख लोगों तक पहुँच रहा है, जिनमें से 20 से 30 हजार इंजीनियरों की भर्ती पिछले साल ही की गई है! उनका लगभग 10 प्रतिशत राजस्व आरएंडडी पर खर्च किया जाता है, तब भी, जब यह वार्षिक राजस्व में 40 से 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर हो।’’
एक्स पर उन्होंने लिखा, ‘‘आज हम जिस जनसांख्यिकीय लाभ की स्थिति में हैं, उसमें तेजी से ऊपर उठने के लिए हमारी नीति को आरएंडडी पर केंद्रित किया जाना जरूरी है। याद रखें, सप्लायर्स वहीं आकर सुविधाएं स्थापित करते हैं, जहाँ ऑटो निर्माता उत्पादन करते हैं। ऑटो निर्माता वहाँ उत्पादन करते हैं, जहाँ उनके नए उत्पाद का विकास (एनपीडी) होता है। और नए उत्पाद का विकास वहाँ होता है, जहाँ पर इंजीनियर होते हैं। इसीलिए आज चीन नए उत्पाद के विकास में सबसे आगे है ताकि यह मैनुफैक्चरिंग के लाभ को बनाकर रख सके।’’
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