जयपुर। आज इस बात की जरूरत है कि सामान्य शिक्षा कौशल शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण को आपस में जोड़ने की व्यवस्था तैयार कर लागू की जाए ताकि युवा उनके और देश के सामने दिख रही चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकें। इस माडल में 10वीं और 12वीं के स्तर के स्कूल आउटपुट्स और स्कूल ड्रॉपआउट्स दोनों को जोड़ना जरूरी है। स्कूल ड्रापआउट्स को उनके द्वारा सीखे गए कौशल और एनआईओएस के जरिए चिन्हित किया जा सकता है।
युवाओं का कौशल विकास
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) (bsdu) औद्योगिक क्षेत्र की मांग के आधार पर अपने पाठयक्रम में बदलाव कर युवाओं का कौशल विकास करने के लिए जानी जाती है। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी युवाओं को वास्तविक भारतीय औद्योगिक गतिविधियों और व्यवहारों का मौके पर प्रशिक्षण् दिलाती है और उन्हें बेहतर ढंग से जागरूक करती है।
2025 तक 50 प्रतिशत बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 में कहा गया है कि कामकाजी दुनिया के लिए लोगों को तैयार करने में उच्च शिक्षा को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। नीति के प्रारूप के अध्याय 20 में दिए गए नीति के प्रमुख उद्देश्यों में कहा गया है कि व्यावसायिक शिक्षा को सभी शिक्षण संस्थानों जैसे स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में जोड़ा जाएगा और 2025 तक पढ़ने वाले कम से कम 50 प्रतिशत बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
छात्रों को कौशल यूनिवर्सिटी और परम्परागत यूनिवर्सिटी का फायदा
बीएसडीयू के प्रो चांसलर ब्रिगेडियर डा सुरजीतसिंह पाब्ला का कहना है उद्योगां की मौजूदा दौर की मांग के अनुसार बीएसडीयू यह भरोसा दिलाता है कि प्रस्तावित माडल छात्रों को कौशल यूनिवर्सिटी और परम्परागत यूनिवर्सिटी दोनों का फायदा देगा ताकि वे प्रशिक्षण कार्यक्रम का पूरा फायदा उठा सकें और जिस क्षेत्र में वे रोजगार चाहते है वहां उन्हे रोजगार मिल सके।
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