ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (TAFE) ने इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) के साथ MoU किया हस्ताक्षर
TAFE ने 1964 में एक सीएसआर पहल के रूप में JFarm का उद्घाटन किया था जिसका उद्देश्य अनुसंधान-संचालित समाधानों और प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना था। भवानीमंडी (2016) में इसके विस्तारण और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से, JFarm ने प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (PJTSAU), तेलंगाना (2019) के साथ ‘JFarm एवं उत्पाद प्रशिक्षण केंद्र’ और वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ (VNMKV), महाराष्ट्र (2023) के साथ ‘JFarm एवं मशीनीकरण केंद्र’ की स्थापना की। इस विजन का दुनिया भर में प्रसार करते हुए, TAFE ने अब वैश्विक-दक्षिण में नवाचार विनिमय और कृषि-विकास लाने के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर साउथ-साउथ कोऑपरेशन इन एग्रीकल्चर (ISSCA) के अधीन ICRISAT के साथ साझेदारी की है।
हैदराबाद स्थित JFarm अनुकूली अनुसंधान केंद्र में ICRISAT के अभूतपूर्व नवाचारों, जैसे कि मशीन हार्वेस्टेबल चने के साथ TAFE की कृषि-मशीनीकरण विशेषज्ञता का उपयोग करके विविध पारिस्थितिकी और फसलों पर अनुसंधान को प्रमाणित किया जाएगा, साथ ही इससे लैंगिक और सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह साझेदारी भारतीय कृषि को एक संधारणीय, पूर्णतः मशीनीकृत कृषि की दिशा ले जाने और इन प्रगतियों को पूरे वैश्विक-दक्षिण में विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह केंद्र अपने समर्पित अवसंरचनाओं के माध्यम से किसानों को संधारणीय कृषि पद्धतियों – जैसे कि मृदा संरक्षण और जल के कुशल उपयोग के बारे में शिक्षित करेगा। यह कृषि क्षेत्र में फसल अवशेषों के प्रसंस्करण पर विशेष ज़ोर देते हुए स्केल-उपयुक्त मशीनीकरण को बढ़ावा भी देगा। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि सेवा मॉडल और उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करना एवं उपयुक्त कृषि प्रौद्योगिकियों को प्रयोगशाला-से-भूमि तक लेकर आना है। यह केंद्र एकीकृत मशीनीकरण मॉडल का प्रदर्शन करने के साथ-साथ किसानों को ट्रैक्टर, उपकरण और मशीनें चलाने और रखरखाव का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यहाँ JFarm सर्विसेज का सफल फार्मर-टू-फार्मर (एफ2एफ) डिजिटल कस्टम हायरिंग मॉडल प्रदर्शित होगा, जिससे किसानों को मशीनें खरीदने का खर्च उठाना नहीं पड़ेगा, लेकिन फिर भी खेती के लिए मशीनें आसानी से उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, यह केंद्र एक ऐसे मंच की तरह काम करेगा जो उद्योग विशेषज्ञों, स्टार्ट-अप्स, संस्थानों और किसानों को एक साथ लाता है।
इस कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए, ग्रुप प्रेसिडेंट और TAFE बोर्ड के सदस्य डॉ. टी. आर. केसवन ने कहा, “हमारा लक्ष्य भूमि और जल संसाधनों को संरक्षित करते हुए परिशुद्ध कृषि को बढ़ावा देना है। हम अपने कृषक समुदाय की विविध आवश्यकताओं को भली-भाँती समझते हैं; हमारा मानना है कि ज्ञान-साझाकरण के माध्यम से हम बड़े पैमाने पर किसानों को मशीनीकरण अपनाने के लिए प्रेरित कर सकेंगे। ICRISAT की विशेषज्ञता के साथ, हमें विश्वास है कि हम अंतिम मील के किसानों तक भी इन प्रौद्योगिकियों को प्रभावी ढंग से पहुँचा पाएँगे।”
ICRISAT के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा, “आधुनिक कृषि में मशीनीकरण महत्वपूर्ण है और इस क्षेत्र में प्रगति के बिना, हम विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। इस सहयोग का उद्देश्य केवल मशीनीकरण को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि रासायनिक इनपुट्स, श्रम निर्भरता और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए अनुसंधान को आगे बढ़ाना भी है। हमारा विजन केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य इन नवाचारों को पूरे अफ्रीका में फैलाना है।”
TAFE का परिचय:
TAFE – ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड, एक प्रमुख भारतीय ट्रैक्टर कंपनी है, जिसकी स्थापना 1960 में चेन्नई, भारत में हुई थी। दुनिया की एक सबसे बड़ी ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और भारत में वॉल्यूम के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी होने के नाते TAFE सालाना 180,000 से अधिक ट्रैक्टर बेचता है। TAFE ने अपने उत्पाद रेंज के माध्यम से ग्राहकों का विश्वास जीता है, जो अपनी गुणवत्ता और कम ऑपरेशन कॉस्ट के लिए दुनिया भर में बहु प्रशंसित है। TAFE अपने 1,600 से अधिक डीलरों के एक मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के ज़रिए अपने चार प्रतिष्ठित ट्रैक्टर ब्रांडों – मैसी फ़र्ग्यूसन भारत, TAFE, आयशर ट्रैक्टर्स और IMT का प्रभावी ढंग से समर्थन करता है। TAFE 80 से अधिक देशों में ट्रैक्टर निर्यात करता है और एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका तथा रूस में कृषि को सशक्त बनाता है।
www.tafe.com
ICRISAT का परिचय:
इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) – शुष्क भूमि कृषि एवं कृषि-खाद्य प्रणालियों के विकास और सुधार हेतु प्रतिबद्ध एक अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसका लक्ष्य एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और अन्य शुष्क भूमि क्षेत्रों में रहने वाले 2.1 अरब लोगों की भूख, कुपोषण, गरीबी और पर्यावरणीय क्षरण की चुनौतियों का समाधान करना है।