नई दिल्ली : एमेज़ॉन इंडिया ने राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित एक स्वायत्त सोसायटी, राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (आरजीएवीपी) के साथ एक एमओयू पर दस्तखत करने की घोषणा की। यह गठबंधन राज्य में महिला कारीगरों और एसएचजी को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए किया गया। इस एमओयू के तहत राजीविका-आरजीएवीपी से जुड़ी 15000 महिला एंट्रप्रेन्योर्स और सैल्फ-हैल्प ग्रुप्स (एसएचजी) द्वारा बनाए गए क्षेत्रीय उत्पाद एमेज़ॉन.इन पर सूचीबद्ध किए जाएंगे और देश में एमेज़ॉन इंडिया के लाखों ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। यह अभियान डिजिटल समावेशन को प्रोत्साहित करने, कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने और उन्हें एमेज़ॉन.इन पर सैलर्स बनाकर आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए चलाया गया है। त्योहारों का मौसम नज़दीक है, इसलिए इन कारीगरों को बढ़ी हुई माँग, अपने उत्पादों को ज्यादा खोजे जाने और ज्यादा सेल्स का लाभ मिलेगा।
‘राजीविका-आरजीएवीपी’ से जुड़े सैलर्स को अनेक फायदे मिलेंगे। उन्हें सुगम शुरुआत करने के लिए ट्रेनिंग और ऑनबोर्डिंग में सहयोग, रिड्यूस्ड रिफरल फी बेनेफिट, अकाउंट मैनेजर सपोर्ट और मार्केटिंग सपोर्ट आदि का लाभ मिलेगा। इस गठबंधन द्वारा ये महिला कारीगर विस्तृत बाजार में पहुँच सकेंगी और उनके काम को ज्यादा पहचान मिलने से उन्हें रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे। एमेज़ॉन.इन पर पूरे देश से लाखों ग्राहक कारीगर स्टोर पर जाकर ब्लू पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट अपरेल्स, लाख की ज्वेलरी, वूडन डेकोर, लैदर के सामान आदि जैसे अनेक उत्पाद खोज व खरीद सकेंगे।
एमेज़ॉन इंडिया में डायरेक्टर, सैलिंग पार्टनर सर्विसेज़, सुमित सहाय ने कहा, ‘‘राजीविका से जुड़ी महिला कारीगरों द्वारा हमारे ऑनलाईन मार्केटप्लेस पर उत्पादों के लॉन्च से एमेज़ॉन कारीगर प्रोग्राम द्वारा भारत के कला एवं क्राफ्ट को ग्राहकों तक पहुँचाने और 2025 तक देश में 10 मिलियन एसएमबी को डिजिटाईज़ करने के हमारे मिशन में मदद मिलेगी। त्योहारों की तैयारी चल रही है, इसलिए हम राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (आरजीएवीपी) जैसे संगठनों के साथ सहयोग करते रहेंगे, ताकि हमारे उत्पाद संग्रह का विस्तार हो और एमेज़ॉन कारीगर प्रोग्राम द्वारा कारीगरों को लाभ मिलता रहे, और इस प्रकार एमेज़ॉन.इन मार्केटप्लेस का संग्रह भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रतिनिधित्व करे।’’
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