मुंबई: भारत में सुपर ऐप क्षेत्र में खासी हलचल देखी जा रही है और टाटा, रिलायंस तथा अदाणी जैसे दिग्गज कारोबारी समूह सुपर ऐप लाने की तैयारी में हैं। ऐसे में भारत के बैंक भी इन फर्मों से मिल रही चुनौती के लिए खुद को तैयार करने के वास्ते तकनीक पर अपना खर्च बढ़ा रहे हैं। सुपर ऐप ऐसा ऐप्लिकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर कई तरह की सेवाओं का उपयोग करने की सहूलियत देता है।
देश में निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक का अक्टूबर-दिसंबर के दौरान गैर-कर्मचारी खर्च साल भर पहले की तिमाही के मुकाबले 20 फीसदी बढ़कर 4,590 करोड़ रुपये रहा। इनमें से ज्यादातर खुदरा कारोबार और तकनीकी संबंधित खर्च शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में बैंक के कुल परिचालन खर्च में तकनीकी उन्नयन पर खर्च 8.4 फीसदी रहा।
अशिका स्टॉक ब्रोकिंग में संस्थागत इक्विटी शोध प्रमुख अशुतोष मिश्रा ने कहा, ‘अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंकों के नतीजों से एक रूझान स्पष्ट तौर पर सामने आया कि लगभग सभी बैंक सुपर ऐप से मिलने वाली चुनौतियों को भांप कर प्रौद्योगिकी पर अपना खर्च बढ़ा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘बैंकों, खास तौर पर निजी क्षेत्र के बैंकों में तकनीकी पर खर्च काफी बढ़ रहा है।’
एक अन्य निजी ऋणदाता ऐक्सिस बैंक का खर्च दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 30 फीसदी बढ़कर 4,392 करोड़ रुपये रहा। ऐक्सिस बैंक ने कहा कि कुल खर्च में तकनीक पर खर्च का हिस्सा 7.8 से 8 फीसदी होगा।
ऐक्सिस बैंक में कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं सूचना प्रौद्योगिकी प्रमुख अविनाश राघवेंद्र ने कहा, ‘बैंक तकनीकी उन्नयन के साथ ही अहम बदलावों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हमने तकनीक, डिजिटल और कई कारोबार में बदलाव के पहल पर काफी निवेश किया है, जिससे हम अपनी जीपीएस (वृद्घि, मुनाफा और स्थायित्व) रणनीति की सही राह में हैं।’
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