

रोहित शर्मा
अलवर. छोटे शहरों में भी खुद की छत का कॉन्सेप्ट खत्म हो रहा है। जहां बड़े शहरों में ये कल्चर लगभग लुप्त हो चुका है वहीं अब राजस्थान के कई शहरों में भी खुद की छत वाला कॉन्सेप्ट खत्म हो रहा है। राजस्थान के अलवर शहर में अब लोग मकानों से फ्लेट में शिफ्ट हो रहे हैं। लोगों को सोसायटी में रहने का कल्चर खूब भा रहा है। यही वजह है कि एनसीआर के बिल्डर यहां अपने मल्टी प्रोजेक्ट्स लेकर आ रहे हैं। यहां की सबसे पॉश कॉलोनियों में से एक स्कीम नं 1 में कई मकानों के बाहर सन्नाटा सा छाया हुआ रहता है। सुरक्षा और सोसायटी में रहने की चाह से लोग अब मकान से फ्लेट की ओर रूख कर रहे हैं। यही वजह है कि पॉश कॉलोनी में मकान लेने के बावजूद भी पड़ौसी के रूप में कोई परिवार नजर नहीं आता है। शहर की स्कीम 1 कॉलोनी में तो जगह-जगह मकानों के बाहर कचरे का ढेर लगा हुआ है क्योंकि मकान मालिकों ने घर को बंद कर फ्लेटों की ओर रूख कर लिया। कई मकान ऐसे हैं जो किरायदारों के भरौसे चल रहे हैं और कई जगह घर में ही दुकानें खोलकर चलाई जा रही है परंतु परिवार और सालों पहले की चहल-पहल अब कही नजर नहीं आती।
शहर के प्रॉपर्टी डीलर से इस बारे में बात की गई तो मालूम चला कि साल में कोई तीन चार क्वेरी मकान लेने वालों की आती है बल्कि आजकल तो सभी लोग सोसायटी में फ्लेट की डिमांड कर रहे हैं। वहीं शालीमार में रहने वाले मनोज श्रीवास्तव बताते हैं कि वो स्कीम 4 में सालों से रहते थे परंतु अब सोसायटी में रहना उन्हें बहुत पसंद आ रहा है, क्योंकि यहां सारी सुविधाएं है।
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