दिगंबर फाइनेंस ने संयुक्त देयता समूह माइक्रोफाइनेंस से आगे बढ़कर छोटे व्यवसाय ऋण में विस्तार किया, भारत के 240 अरब डॉलर के एमएसएमई क्रेडिट गैप को व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से पूरा करने की योजना, 200–250 वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों की भर्ती, जो नई शाखाओं से जुड़े रहेंगे, वर्तमान में कंपनी का एयूएम लगभग ₹700 करोड़
जयपुर. दिगंबर कैपफिन लिमिटेड (दिगंबर फाइनेंस), भारत की प्रमुख एनबीएफसी-एमएफआई में से एक, ने लघु व्यावसायिक ऋण श्रेणी में कदम रखते हुए आगामी वित्त वर्ष 2025–26 में 10 राज्यों में समर्पित सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है। इस पहल की शुरुआत जयपुर, राजस्थान में पहले स्मॉल बिज़नेस लोन ब्रांच के शुभारंभ से हुई है। यह कदम माइक्रोफाइनेंस से परे एक महत्वपूर्ण विविधीकरण है, जिसके अंतर्गत कंपनी लघु उद्यमियों, दुकानदारों, ठेलेवालों और रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के लिए अनुकूलित वित्तीय उत्पाद और ऋण समाधान लेकर आई है।
दिगंबर कैपफिन लिमिटेड के प्रवर्तक एवं पूर्णकालिक निदेशक अमित जैन ने बताया कि “लघु उद्यमी और स्थानीय व्यवसाय भारत की अर्थव्यवस्था के असली आधार स्तंभ हैं, फिर भी उन्हें ऋण प्राप्त करने में सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्मॉल बिज़नेस लोन ब्रांच मॉडल के जरिए किफायती वित्तीय सेवाएं और डिजिटल-फर्स्ट समाधान उपलब्ध करा कर हमारा लक्ष्य इस अंतर को पाटना है। यह पहल केवल ऋण देने की नहीं, बल्कि लाखों आजीविकाओं को सशक्त करने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने और ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण में योगदान देने का प्रयास है।”
भारत का एमएसएमई क्षेत्र, जो देश की जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत योगदान देता है और 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है, फिर भी लगभग 240 अरब डॉलर के क्रेडिट गैप से जूझ रहा है। बैंकिंग ऋण का केवल 16 प्रतिशत ही इस क्षेत्र तक पहुंचता है, जिससे लघु उद्यमियों को अक्सर अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। दिगंबर फाइनेंस का यह नया मॉडल उसके मौजूदा व्यवसायिक दृष्टिकोण का विस्तार है, संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) आधारित माइक्रोफाइनेंस से आगे बढ़कर अब छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराना है । इस मॉडल में ऋण वितरण, वित्तीय उत्पाद वितरण और बेंगलुरु स्थित आईटी हब से संचालित तकनीकी दक्षता का समावेश है।
दिगंबर फाइनेंस वर्तमान में आठ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 200 से अधिक शाखाओं के साथ सक्रिय है। कंपनी अब इस मॉडल को 10 राज्यों में वित्त वर्ष 2025–26 के दौरान लागू करेगी। वर्तमान में कंपनी का एयूएम लगभग ₹700 करोड़ है और इसमें 1700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। नए वर्टिकल की शुरुआत के साथ कंपनी लगभग 200–250 नए कर्मचारियों की भर्ती करेगी। एनबीएफसी क्षेत्र में यह पहला ऐसा मॉडल होगा जिसमें कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम सुविधा दी जाएगी और वे डिजिटल माध्यम से संबंधित शाखाओं व मुख्यालय से जुड़े रहेंगे। इस अभिनव पहल से कंपनी को 20% तक एयूएम वृद्धि की उम्मीद है, जिससे पोर्टफोलियो में लगभग ₹150 करोड़ का इजाफा होगा।
आने वाले वर्षों में दिगंबर फाइनेंस का लक्ष्य है कि वह देश के अविकसित बाजारों में अपनी उपस्थिति को गहरा करे, अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करे और भारत के सूक्ष्म एवं लघु व्यवसायों के लिए एक दीर्घकालिक भागीदार बने। कंपनी स्थिरता, डिजिटल नवाचार और वित्तीय समावेशन के प्रति प्रतिबद्ध है ताकि उसकी वृद्धि सीधे तौर पर उद्यमियों और समुदायों के जीवन पर स्थायी प्रभाव डाल सके।
दिगंबर कैपफिन लिमिटेड के बारे में:
दिगंबर कैपफिन लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – माइक्रोफाइनेंस संस्था (एनबीएफसी-एमएफआई) है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत है। 1995 में स्थापित, कंपनी भारत भर में निम्न-आय वाले परिवारों, छोटे उद्यमियों और वंचित समुदायों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। “Empowering People, Enabling Growth” के अपने मिशन से प्रेरित होकर दिगंबर कैपफिन लिमिटेड अब तक एक मिलियन से अधिक जीवनों पर सकारात्मक प्रभाव डाल चुकी है।