प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत WTC फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और WTC समूह की अन्य कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ₹2,348 करोड़ की संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त की हैं, अटैच की गई संपत्तियों में दिल्ली-एनसीआर, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा में 159 एकड़ जमीन और अनसोल्ड रियल एस्टेट इन्वेंटरी, गोवा में आवासीय संपत्तियां और दिल्ली-एनसीआर में व्यावसायिक परिसर शामिल हैं, यह कार्रवाई अशिष भल्ला के नेतृत्व वाले WTC समूह द्वारा निवेशकों से धोखाधड़ी कर धन जुटाने और विदेशी संस्थाओं को अवैध रूप से ट्रांसफर करने के मामले में की गई है।
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹2,348 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को जब्त किया है। यह मामला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और WTC समूह की अन्य कंपनियों से जुड़ा है, जिन्हें अशिष भल्ला संचालित कर रहे थे।
ED की जांच 30 से अधिक FIRs के आधार पर शुरू हुई थी, जो फरीदाबाद पुलिस, दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज की गई थीं। इन मामलों में धोखाधड़ी, ठगी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
जांच में सामने आया कि अशिष भल्ला और उनकी कंपनियों ने WTC ब्रांड के तहत प्लॉट और व्यावसायिक संपत्तियों में निवेश पर निश्चित रिटर्न का झांसा देकर 12,000 से अधिक निवेशकों से ₹2,700 करोड़ से अधिक की रकम जुटाई। परंतु इस राशि का बड़ा हिस्सा न तो रियल एस्टेट विकास में लगाया गया और न ही निवेशकों को लौटाया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस रकम का बड़ा भाग सिंगापुर स्थित संस्थाओं को अवैध रूप से ट्रांसफर किया गया, जो भल्ला के पारिवारिक सदस्यों के स्वामित्व में हैं।
ED ने 27 फरवरी 2024 को छापेमारी की थी, इस दौरान अशिष भल्ला फरार हो गए और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। बाद में उन्हें 6 मार्च 2025 को गिरफ्तार किया गया ताकि वे जांच में बाधा न डाल सकें और साक्ष्य से छेड़छाड़ न कर सकें। ED ने जब्त की गई संपत्तियों को सीधे “अपराध की आय” (Proceeds of Crime) के रूप में चिह्नित किया है।