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जीएसटी पर सभी ने जताई थी सहमति

नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि अगर दालें, गेहूं, चावल, आटा और दही खुला बेचा जाता है और पहले से पैकेट बंद नहीं है तो उस पर 5 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं देना होगा। दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी लगाने और कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सदन में विपक्ष
के विरोध को देखते हुए वित्त मंत्री का यह स्पष्टीकरण आया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने कर ढांचे को सरल बनाने के लिए पिछले महीने दैनिक उपभोग के सामान पर जीएसटी लगाने का निर्णय किया था, जो सोमवार से लागू हो गया है।

सीतारमण ने कई ट्वीट कर कहा कि कर चोरी पर रोक लगाने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है। अधिकारियों और मंत्रियों के समूह के साथ विभिन्न स्तर पर चर्चा करने के बाद ही जीएसटी परिषद ने इसकी सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि परिषद ने जिस बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया था उसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।  वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 में जीएसटी शुरू होने से पहले केंद्र और राज्य के 17 तरह के कर, जिनमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य वैट शामिल थे, वे खत्म हो गए। अब सिर्फ ब्रांडेड अनाज, दाल और आटा पर 5 फीसदी कर लग रहा है। हालांकि कई प्रतिष्ठित उत्पादक इस प्रावधान का दुरुपयोग करने लगे जिससे जीएसटी राजस्व पर असर पड़ने लगा था।

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