बुधवार, दिसंबर 17 2025 | 09:32:49 AM
Breaking News
Home / राजकाज / ड्रोन को वैध बनाने की दिशा में पहला कदम
First step towards legalizing drone

ड्रोन को वैध बनाने की दिशा में पहला कदम

जयपुर। वर्ष 2014 में मुंबई के एक पिज्जा रेस्टोरेंट फ्रांसेस्कोज (Pizza Restaurant Francescoz) ने अपने ग्राहक को ड्रोन (drone delivery) से पिज्जा पहुंचाकर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश की। ड्रोन की यह उड़ान 20 मिनट की थी मगर एक घंटे के भीतर पुलिस पिज्जा रेस्टोरेंट में पहुंच गई और कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने ऐसा करने की कोई मंजूरी नहीं ली थी। इसके चलते कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

मानव रहित वायुयान प्रणाली नियम

अब छह साल बाद भारत ने ड्रोन को वैध बनाने (India legalizes drones) की दिशा में पहला आधिकारिक कदम उठाया है। सरकार ने आधिकारिक राज-पत्र में ड्रोन परिचालन के नियमों का प्रारूप प्रकाशित किया है। इन नियमों को मानव रहित वायुयान प्रणाली नियम, 2020 नाम दिया गया है। ये 30 दिन तक सार्वजनिक चर्चा के लिए खुले हैं।

नागर विमानन महानिदेशालय ने पेश किया प्रारूप नियम

इन प्रारूप नियमों को नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate general of civil aviation) (डीजीसीए) ने पेश किया है, जो ऐसे वाहनों की नियामक एजेंसी होगी। इन नियमों के मुताबिक ड्रोन को अपने वजन के हिसाब से चार श्रेणियों में बांटा गया है। सबसे हल्की श्रेणी नैनो यानी 250 ग्राम तक का ड्रोन है, जो अधिकतम 50 फुट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसके लिए परिचालन एजेंसी को एकबारगी ही पंजीकरण कराना होगा।

ड्रोन के कारोबार को मान्यता दी

पहली प्रणाली के नियमों में ड्रोन के कारोबार को मान्यता दी गई है। इन्हें लेकर ड्रोन कंपनियों के कार्याधिकारियों का कहना है कि इनसे देश में ड्रोन की आपूर्ति शृंखला प्रणाली को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रारूप नियमों में यह उल्लेख किया गया है कि कौन ड्रोन का विनिर्माण, आयात एवं परिचालन कर सकता है और किस हवाई क्षेत्र में इनका परिचालन किया जा सकता है।

स्वीकृत क्षेत्रों में ही ड्रोन का आयात और ड्रोन हवाई क्षेत्र

प्रारूप नियमों में कहा गया है, ‘स्वीकृत क्षेत्रों में ही ड्रोन का आयात और ड्रोन हवाई क्षेत्र (Drone airspace) बनाया जा सकता है।’ हालांकि उद्योग का कहना है कि इसे लागू करने की प्रक्रिया की रफ्तार तेज की जाए, क्योंकि पहले ही इंतजार काफी लंबा हो चुका है। ड्रोन क्षेत्र को वैध बनाने के लिए विचार-विमर्श 2017 में शुरू हुआ था, जिसके लिए पहल पूर्व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने की थी। मगर यह आधिकारिक इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि आम चुनावों की वजह से प्रक्रिया रुक गई।

Check Also

Now these new fees will have to be paid separately on the train ticket, traveling by railway will be expensive

रेलवे का बड़ा एक्शन: 3.02 करोड़ फर्जी IRCTC अकाउंट बंद, तत्काल टिकट की कालाबाजारी पर लगा ब्रेक

New delhi. भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर सख्त कदम उठाते हुए इस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *