सोमवार, दिसंबर 15 2025 | 07:08:05 PM
Breaking News
Home / राजकाज / 8.4 फीसदी रही विकास दर

8.4 फीसदी रही विकास दर

नई दिल्ली: कोविड संबंधी बंदिशों में ढील देने और टीकाकरण में तेजी से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.4 फीसदी रही। हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेज बढ़ोतरी में पिछले साल की समान अवधि के कम आधार का भी योगदान रहा है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी में 7.4 फीसदी का संकुचन आया था। कोविड से पहले वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही की तुलना में वृद्घि दर महज 0.3 फीसदी बढ़ी है।

इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन इसमें अभी खास तेजी नहीं आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 2020-21 की पहली तिमाही के मुकाबले 20.1 फीसदी की वृद्घि हुई थी लेकिन कोविड पूर्व अवधि की तुलना में जीडीपी में 9.2 फीसदी का संकुचन देखा गया था। कुल मिलाकर देखें तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी में 13.7 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई लेकिन कोविड पूर्व अवधि की तुलना में इसमें 4.4 फीसदी का संकुचन बना हुआ है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत चालू वित्त वर्ष में दो अंक में वृद्घि दर्ज कर सकता है। इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में संपूर्ण अर्थव्यवस्था में 57 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले सेवा क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से कोविड पूर्व स्तर की तुलना में कुल विकास दर की रफ्तार कम रही। इस दौरान तीन प्रमुख क्षेत्रों में से सेवा क्षेत्र में भी गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही की तुलना में चालू वित्त वर्ष की  दूसरी तिमाही में व्यापार, होटल, परिवहन और संचार सेवाओं में 9.2 फीसदी की गिरावट आई। इसकी वजह यह रही कि कोविड के कारण लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र पर पड़ा है। हालांकि सेवा क्षेत्र के अंतर्गत अहम योगदान वाले वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवा क्षेत्रों की वृद्घि दर भ ी इस दौरान 2 फीसदी घटी है। निर्माण क्षेत्र में नरमी से सेवा क्षेत्र की वृद्घि दर में 0.3 फीसदी की कमी आई जबकि सबसे पहले इसी क्षेत्र से पाबंदियां हटाई गई थीं। उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में दूसरी तिमाही के दौरान कोविड पूर्व की समान अवधि की तुलना में 4 फीसदी का इजाफा हुआ। कृषि क्षेत्र में कोविड पूर्व स्तर की तुलना में सबसे ज्यादा तेजी आई है।

अर्थव्यवस्था में मांग को दर्शाने वाले अंतिम निजी खपत व्यय में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान 3.5 फीसदी की गिरावट आई। दूसरी ओर त्योहारों से पहले इन्वेंट्री तैयार करने में जुटे उद्योगों के बावजूद निवेश में महज 1.5 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई।

Check Also

Now these new fees will have to be paid separately on the train ticket, traveling by railway will be expensive

रेलवे का बड़ा एक्शन: 3.02 करोड़ फर्जी IRCTC अकाउंट बंद, तत्काल टिकट की कालाबाजारी पर लगा ब्रेक

New delhi. भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर सख्त कदम उठाते हुए इस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *