मुंबई. लोढ़ा ग्रुप ने भारत के सतत विकास (Sustainable Development) की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पालावा में देश की पहली LC3 (Limestone Calcined Clay Cement) कंक्रीट रोड का सफल निर्माण किया है। यह भारत के रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में स्थायित्व और नवाचार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
LC3: निर्माण सामग्री में क्रांतिकारी नवाचार
IIT दिल्ली के प्रोफेसर शशांक बिष्णोई और उनकी टीम द्वारा विकसित यह तकनीक, 2014 में शुरू हुए LC3 प्रोजेक्ट का परिणाम है। 2023 में इसे आधिकारिक रूप से भारतीय मानक (IS 18189:2023) के रूप में मान्यता मिली। इसके बाद JK Cement ने 29 अगस्त 2025 को LC3 के वाणिज्यिक उत्पादन की शुरुआत की, जिससे यह पहली बार बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए उपलब्ध हुआ।
LC3 सीमेंट पारंपरिक सीमेंट की तुलना में 40% तक कम कार्बन उत्सर्जन करता है और साथ ही बेहतर मजबूती और टिकाऊपन प्रदान करता है। लोढ़ा द्वारा पालावा में इसका उपयोग भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र की पहली पहल है, जो भविष्य में देशभर में हरित निर्माण की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।
विशेषज्ञों की राय:
प्रोफेसर शशांक बिष्णोई, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, IIT दिल्ली ने कहा – “LC3 बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए सबसे आशाजनक नवाचारों में से एक है। इसका प्रयोगशाला से वास्तविक निर्माण में उपयोग होना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (RMI) की प्रबंध निदेशक सुकन्या पैसिओरेक ने कहा –“निर्माण क्षेत्र का डीकार्बोनाइजेशन भारत के नेट-ज़ीरो लक्ष्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है। लोढ़ा का यह कदम स्थायी शहरीकरण के लिए नए मार्ग खोलता है।”
लोढ़ा फाउंडेशन के सस्टेनेबल अर्बनाइजेशन प्रोग्राम डायरेक्टर औन अब्दुल्ला ने कहा –“यह भारत के लिए एक छोटी लेकिन ऐतिहासिक शुरुआत है। LC3 के साथ हम कम-कार्बन भविष्य की दिशा में आत्मविश्वास और प्रयोग दोनों को आगे बढ़ा रहे हैं।”
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