New Delhi. संसद में आज एक नया बिल पेश किया गया है, जिसका शीर्षक Artificial Intelligence (Ethics and Accountability) Bill, 2025 है। इसे बीजेपी सांसद भर्ती पांढीं ने लोकसभा में पेश किया। इस बिल का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीकों के विकास और उपयोग पर नैतिकता और जवाबदेही का एक कानूनी ढांचा स्थापित करना है।
यह प्रस्तावित विधेयक अनधिकृत AI-आधारित निगरानी, पूर्वाग्रहपूर्ण निर्णय लेने वाले एल्गोरिदम और पारदर्शिता की कमी जैसे मामलों पर कड़ी सज़ा लागू करने का प्रावधान करता है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था AI का दुरुपयोग करती है तो उस पर ₹5 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिल में एक Ethics Committee for Artificial Intelligence (AI के लिए नैतिकता समिति) के गठन का प्रावधान है, जो नीति-निर्माण, अनुपालन निगरानी और दुरुपयोग की जांच करेगी। समिति में अकादमिक, तकनीकी, नागरिक समाज और कानूनी विशेषज्ञ शामिल होंगे।
यह बिल विशेष रूप से उन AI सिस्टम्स पर ध्यान देता है जो निगरानी, कानून प्रवर्तन, वित्तीय निर्णय या नियोजित निर्णय लेने में इस्तेमाल होते हैं। किसी भी प्रणाली को लागू करने से पहले पारदर्शिता, डेटा स्रोतों और प्रशिक्षण विधियों का खुलासा करना अनिवार्य होगा और नियमित ऑडिट भी करने होंगे।
बिल का उद्देश्य यही है कि AI तकनीक का सकारात्मक उपयोग बढ़े, जबकि न्याय, समानता और व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न हो। अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो न सिर्फ भारी जुर्माना लगाए जा सकते हैं, बल्कि लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किए जा सकते हैं।
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