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Prime Minister Narendra Modi praised the achievement of Devesh and Debdutta in Mann Ki Baat

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में देवेश और देबदत्ता की उपलब्धि को सराहा

इंटरनेशनल कैमेस्ट्री ओलम्पियाड में एलन कोटा के क्लासरूम स्टूडेंट देवेश पंकज ने गोल्ड और देबदत्ता ने जीता था सिल्वर मैडल

कोटा. कॅरियर और केयर सिटी कोटा के विद्यार्थी अपनी उपलब्धियों से देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। भारतीय प्रतिभाओं के इस प्रदर्शन को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सराहा है। रविवार को प्रसारित हुए मन की बात के 124वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवेश पंकज भैया व देबदत्ता प्रियदर्शी की उपलब्धि को सराहा है। ये दोनों एलन के क्लासरूम स्टूडेंट हैं। कैमेस्ट्री ओलम्पियाड का फाइनल यूएई में हुआ, जिसमें 4 स्टूडेंट्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसमें दो एलन कोटा के क्लासरूम स्टूडेंट्स थे।

 

देवेश पंकज भैया ने गोल्ड मैडल तथा देबदत्ता प्रियदर्शी ने सिल्वर मैडल जीता। देवेश ने कक्षा 12 के साथ तथा देबदत्ता ने कक्षा 10 के साथ परीक्षा देते हुए यह उपलब्धि हासिल की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल कैमेस्ट्री ओलम्पियाड में मैडल जीते हैं। इसमें देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्ता प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी ने भारत का नाम रोशन किया है। इसमें इसके साथ ही आस्ट्रेलिया में हुए इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड में भी भारत ने अपनी पहचान को और मजबूत किया है। इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलम्पियाड 3 गोल्ड, 2 सिल्वर व एक ब्रोंज मैडल हासिल किया है। उल्लेखनीय है कि देवेश पंकज भैया पिछले सात वर्षों से एलन कोटा का क्लासरूम स्टूडेंट हैं। इसी तरह देबदत्ता भी पिछले तीन साल से एलन के क्लासरूम स्टूडेंट हैं।

 

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ नितिन कुकरेजा ने बताया कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के ओलम्पियाड में देश की प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यही कारण है कि हर वर्ष एलन स्टूडेंट्स इंटरनेशनल ओलम्पियाड में बेहतर प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। एलन ने वर्ष 2013 से ओलम्पियाड की तैयारी के लिए प्रयास शुरू किए। कुछ ही वर्षों में बेहतर परिणाम सामने आने लगे। वर्ष 2024 तक विभिन्न इंटरनेशनल ओलम्पियाड में एलन स्टूडेंट्स ने 69 गोल्ड मैडल, 54 सिल्वर मैडल और 12 ब्रोंज मैडल हासिल किए। सबसे अधिक अब तक 38 गोल्ड मैडल इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में हासिल किए गए हैं। इसके साथ ही फिजिक्स ओलम्पियाड में 10, कैमेस्ट्री में 6, बायलॉजी में 4, मैथेमेटिकल ओलम्पियाड में 3, एस्ट्रोनोमी एण्ड एस्ट्रोफिजिक्स में 5 एवं जूनियर एस्ट्रोनोमी में 3 गोल्ड मैडल जीते हैं।

एलन ने बेसिक कान्सेप्ट अच्छे किए : देवेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कैमेस्ट्री ओलम्पियाड की उपलब्धि की सराहना पर धन्यवाद देते हुए देवेश पंकज ने कहा कि ओलम्पिक खेलों की तरह साइंस ओलम्पियाड को भी महत्व दिया जाए। इसमें भी देशभर के स्टूडेंट्स शामिल हों। एलन कोटा में जो अकेडमिक माहौल और सपोर्ट मिला, उससे मेरे बेसिक कॉन्सेप्ट क्लीयर हो गए। यहां कम्पीटिटिव एग्जाम व ओलम्पियाड की तैयारी के लिए बेहतर इको सिस्टम है।

कोटा आगे बढ़ाता है : देबदत्ता

देबदत्ता प्रियदर्शी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सफलता में मेरी मेहनत के साथ एलन और कोटा का बड़ा योगदान है। कोटा का माहौल और यहां के कम्पीटिटिव एनवायरमेंट ने मुझे हर दिन मजबूत किया और मैं इस तरह की उपलब्धियों के लिए तैयार होता गया। मैं मेहनत करता था लेकिन मेहनत कैसे करनी है, इसका मार्गदर्शन मुझे एलन से मिला, यहां की फैकल्टीज हर कदम पर मेरे साथ रही।  मैं यहां जेईई-एडवांस्ड की तैयारी करने के लिए आया हूं। पिछले तीन वर्षों से कोटा में हूं। परिवार भुवनेश्वर है।

देवेश पंकज भैया की उपलब्धियां

 

देवेश का शैक्षणिक रिकॉर्ड शुरू से ही बेहतर रहा है। देवेश का चयन हाल ही में दुनिया की टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटी एम आई टी के लिए हुआ है। उन्होंने 10वीं में 96 प्रतिशत और 12वीं में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वर्ष 2020 में उन्हें भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बाल शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलंपियाड (आईजेएसओ) में दो बार गोल्ड मैडल हासिल किया। देवेश 8वीं कक्षा के छात्र के रूप में आईजेएसओ में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाला पहला छात्र रहा। विभिन्न राष्ट्रीय, राज्य और अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड्स में सैकड़ों मैडल और प्रमाण पत्र जीते। देवेश ने जेईई-एडवांस्ड 2025 के नतीजों में आल इंडिया रैंक-8 प्राप्त की थी। जेईई मेन में 99.9976 परसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 65 हासिल की। उसके पिता पंकज भैया आर्किटेक्ट और माँ पल्लवी भैया सिविल इंजीनियर हैं। मां पल्लवी पिछले सात वर्षों से देवेश के साथ कोटा में ही रह रही हैं। परिवार मूलरूप से महाराष्ट्र के जलगांव से है।

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