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इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी


मुम्बई. फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स की साझेदारी व अनुसंधान और सूचना प्रणाली के सहयोग से भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा मुम्बई में सेमिनार का आयोजन किया गया। संसाधन जुटाने में निजी क्षेत्र की भागीदारी और नवाचार विषय पर हुई इस सेमिनार में निजी क्षेत्र में निवेश करने वालों पर विस्तृत से चर्चा की गई। कार्यक्रम में डॉ. कुमार वी. प्रताप ने बताया कि बेहद तेजी से विकास करते हुए भारत के इंफ्रा सेक्टर को 2007 से 2017 की अवधि में 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश मिला है जिसमें एक तिहाई से अधिक की पूंजी का योगदान निजी क्षेत्र द्वारा दिया गया था। भारत का लक्ष्य 200 अरब डॉलर सालाना निवेश करना है हालांकि अभी तक केवल 110 बिलियन डॉलर का निवेश करने में सक्षम रहा है। निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिएए भारत सरकार ने कई पहल शुरू की है। इस अवसर पर सुजॉय बोस ने कहा कि एक विकासशील अर्थव्यवस्था सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रवाह में वृद्धि के साथ भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्यस्थल है।

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