रविवार, दिसंबर 21 2025 | 06:13:37 AM
Breaking News
Home / एक्सपर्ट व्यू / 35 प्रतिशत का प्रस्तावित जीएसटी स्लैब होगा विकास में बाधक
Proposed GST slab of 35 percent will hinder development

35 प्रतिशत का प्रस्तावित जीएसटी स्लैब होगा विकास में बाधक

नई दिल्ली – सरकार ने 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लाकर ऐतिहासिक टैक्स सुधार की शुरुआत की। GST का उद्देश्य टैक्स संरचना को सरल बनाना और टैक्स का बोझ कम करना था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में कुल जीएसटी कलेक्शन 9 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी कलेक्शन है। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार तो जीएसटी रेट्स रैशनलाईज़ेशन पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) ने हाल ही में 35% के एक नए जीएसटी स्लैब का सुझाव दिया है। यह नया स्लैब मौजूदा 4 स्लैब्स के अलावा होगा, जो डिमेरिट गुड्स पर लगाया जाएगा, जिनमें वातित पेय और तम्बाकू आते हैं।जीओएम के ये सुझाव भ्रामक हैं क्योंकि जीएसटी का उद्देश्य टैक्स का रैशनलाईज़ेशन होता है।
देशों में यह रुझान देखा गया है कि सिन प्रोडक्ट्स यानी कि दोषपूर्ण उत्पादों (वो उत्पाद, जिनकी लोगों को लत लग जाती है और जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं ) पर टैक्स दो कारणों से लगाया जाता है। पहला कारण है, रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ाना क्योंकि इन उत्पादों की लागत से इनकी मांग प्रभावित नहीं होती यानी कीमतें बढ़ने से इनकी खपत में अंतर नहीं आता। दूसरा कारण है, टैक्स लगाकर उन्हें महंगा बनाना ताकि ग्राहक उनकी बजाय सुरक्षित विकल्पों को अपनाने लगें। लेकिन यहाँ पर एक बात गौर करने लायक है कि जीएसटी वाले ज़्यादातर देशों में स्लैब्स और टैक्स दरें काफ़ी कम होती हैं।
इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, पिंगल खान, पार्टनर, एश्लर लॉ ने कहा, ’’टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित डब्लूएचओ डेटा के मुताबिक भारत में सिगरेट पर लगने वाला टैक्स प्रति व्यक्ति जीडीपी प्रतिशत में दुनिया की सबसे अधिक टैक्स दरों में एक है। भारत के तम्बाकू बाज़ार में सिगरेट उद्योग का हिस्सा 1982 में 21 प्रतिशत था जो 2023-24 गिरकर लगभग 10 प्रतिशत तक पहुँच गया। लेकिन इस अवधि में देश में तम्बाकू का सेवन 49 प्रतिशत बढ़ गया। इससे यह साफ़ है कि तम्बाकू उद्योग में टैक्स का पूरा भार केवल सिगरेट पर रहा है। इसका कारण है कि सिगरेट उद्योग संगठित है और एक औपचारिक सिस्टम में काम करता है। अगर ग्राहकों को विकल्प नहीं मिलेंगे तो वो चीन में बनने वाले आयातित सिगरेट का सेवन करना शुरू कर देंगे या नकली सिगरेट का सेवन करने लगेंगे, जो भारत में तेज़ी से फैल रहे हैं।‘’
जहाँ कम टैक्स दरें नियमों की अनुपालना बढ़ाती हैं, वहीं ज़्यादा टैक्स दरें टैक्स चोरी को बढ़ाती हैं। इसलिए 35 प्रतिशत की टैक्स स्लैब से टैक्स संरचना और ज़्यादा कठिन बनेगी। आज भारत में विकास की गति को तेज़ करने के लिए जीएसटी काउंसिल को एक उदार टैक्स प्रणाली लानी चाहिए, जिससे टैक्स कलेक्शन और अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी हो सके

Check Also

One day left of the 18th Pravasi Bharatiya Divas Conference, NRIs shared their special experiences

18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का एक दिन शेष प्रवासी भारतीयों ने साझा किए अपने अनुभव विशेष

नई दिल्ली. ओड़िशा के भुवनेश्वर में कल 8 जनवरी से आयोजित हो रहे ’18वें प्रवासी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *