मुंबई .साल 2021 शेयर बाजार के लिए उमंग भरा रहा। शेयर की कीमतें अपने सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गईं और प्राथमिक बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) की बाढ़ सी आ गई। इनमें कई आईपीओ को अभूतपूर्व सफलता मिली और वे मोटी रकम जुटाने में सफल रहे। बाजार को ऊंची छलांग लगाते देख डीमैट खाते खुलवाने वाले लोगों की लंबी कतार लग गई जो पहले कभी नहीं दिखी थी।
हालांकि नया साल थोड़ा अलग रह सकता है। कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो अगले वर्ष बाजार की चाल पर लगाम लगा सकते हैं। कोविड-19 महामारी के बाद लोगों एवं अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए किए गए उपाय अब धीरे-धीरे वापस लिए जाने की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच ओमीक्रोन संक्रमण से हालात फिर गंभीर होते जा रहे हैं। भारतीय शेयरों के महंगे मूल्यांकन को लेकर जताई जा रही चिंता से भी उत्साह फीका पड़ सकता है।
2021 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 29.4 प्रतिशत उछल कर 18 अक्टूबर को 61,766 के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी भी 32.2 प्रतिशत उछल कर 18,477 पर पहुंच गया। निफ्टी मिड-कैप 100 सूचकांक 58.5 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉल-कैप 100 सूचकांक 66 प्रतिशत तक चढ़ गए।
इस वर्ष सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजकरण 1 लाख करोड़ डॉलर से भी अधिक बढ़कर 3.56 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। भारत बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया के शीर्ष पांच देशों की सूची में शुमार होने की दहलीज पर आ पहुंचा। अक्टूबर में भारत और ब्रिटेन के बीच अंतर 3 प्रतिशत से भी कम रह गया था। ब्रिटेन इस समय 5वें स्थान पर है। हाल में आई गिरावट से इस वर्ष अब तक अर्जित प्रतिफल पर असर जरूर हुआ है मगर भारत 2021 में सर्वाधिक बेहतर प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार में एक है। घरेलू एवं विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार निवेश आने से इस वर्ष बाजार को मजबूत आधार मिला है। इस वर्ष अब तक विदेशी निवेशकों ने 3.8 अरब डॉलर निवेश किए हैं। 5 अक्टूबर तक उनका कुल निवेश सर्वाधिक 9.3 अरब डॉलर दर्ज हुआ था।
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