शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 01:20:40 PM
Breaking News
Home / राजकाज / सरकार की खिलौना क्षेत्र को 3,500 करोड़ रुपये का PLI लाभ देने की योजना
Government plans to provide PLI benefit of Rs 3,500 crore to the toy sector

सरकार की खिलौना क्षेत्र को 3,500 करोड़ रुपये का PLI लाभ देने की योजना

नई दिल्ली. सरकार भारतीय मानक ब्यूरो (Government Bureau of Indian Standards) (BIS) के नियमों का अनुपालन करने वाले खिलौनों के लिए 3,500 करोड़ रुपये का उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन (PLI) लाभ देने की योजना बना रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निवेश आकर्षित करना और निर्यात बढ़ाना है।

पीएलआई लाभ विभिन्न निवेश स्लैब

अधिकारी ने कहा कि खिलौना उद्योग (toy industry india) के लिए सरकार द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने और सीमा शुल्क को 20 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने जैसे उपायों से देश में कम गुणवत्ता वाले आयात को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिली है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अब हम खिलौनों के लिए पीएलआई के विस्तार पर काम कर रहे हैं। हालांकि, यह लाभ सिर्फ बीआईएस नियमों का अनुपालन करने वाले खिलौनों के लिए ही होगा। पीएलआई लाभ विभिन्न निवेश स्लैब के अनुसार दिया जा सकता है। यह 25 करोड़ रुपये से लेकर 50 करोड़ रुपये या 100-200 करोड़ रुपये तक हो सकता है।’’

BIS देश का राष्ट्रीय मानक निकाय

अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव पूरे उत्पाद पर प्रोत्साहन देने का है न कि कलपुर्जों पर, क्योंकि उद्योग को अब भी कुछ कलपुर्जों को आयात करने की जरूरत होती है, जो खिलौना विनिर्माण के लिए जरूरी है। ये कलपुर्जे भारत में नहीं बनते हैं। BIS देश का राष्ट्रीय मानक निकाय है। यह भारतीय मानकों का विकास और उनका प्रकाशन करता है। भारत में बने खिलौनों की आपूर्ति न केवल वैश्विक ब्रांडों को हो रही है, बल्कि ये वैश्विक बाजार में अपनी जगह भी बना रहे हैं।

Check Also

Why can't Sonia Gandhi and Rahul Gandhi feel the pain of Sikh families: BJP spokesperson Gaurav Bhatia

सिख परिवारों के दर्द को सोनिया गांधी और राहुल गांधी महसूस क्यों नहीं कर पाते: भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के कार्यक्रम में सिख …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *