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Action will be taken against banks and NBFCs which force insurance along with home loans

होम लोन के साथ जबरन बीमा चेपने वाली बैंकों और एनबीएफसी पर गिरेगी गाज

नई दिल्ली. नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने होम लोन देने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को जमकर फटकार लगाई है। आरोप है कि ये कंपनियां घर के लोन के साथ बीमा पॉलिसी बेचकर मिस-सेलिंग कर रही हैं। एनएचबी ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को साफ-साफ हिदायत दी है कि ग्राहकों पर लोन के साथ बीमा पॉलिसी जबरदस्ती न थोपें। एनएचबी ने अपनी जांच में पाया कि कई बार तो ग्राहकों से बीमा देने से पहले मंजूरी ही नहीं ली गई। और जब मंजूरी ली भी गई, तो कई बार प्रीमियम की रकम और पॉलिसी की शर्तें मंजूरी के फॉर्म में साफ-साफ नहीं लिखी हुई थीं। एनएचबी ने बैंकों से लोगों को पॉलिसी की शर्तें अच्छे से बताने को कहा है।

शिकायतों का अंबार

 

लोगों ने कई तरह की शिकायतें की हैं। लोन के साथ जो बीमा पॉलिसी बेची जा रही थीं, उन्हें उनकी शर्तें लोगों को पता ही नहीं थीं। कई मामलों में तो बीमा की अवधि लोन की अवधि से भी कम थीं। एनएचबी ने देखा कि कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के पास बीमा बेचने के लिए बोर्ड से मंजूरी प्राप्त नीतियां ही नहीं थीं। ये कंपनियां एक ही शख्स को कई तरह के बीमा बेच रही थीं। इनमें टर्म लाइफ इंश्योरेंस, बिल्डिंग इंश्योरेंस, क्रिटिकल इलनेस कवरेज, हॉस्पिटलाइजेशन बेनिफिट्स और डिसेबिलिटी इंश्योरेंस जैसे बीमे शामिल हैं। एनएचबी ने नोटिस किया कि कुछ बीमा तो लोन लेने वालों के लिए जरूरी ही नहीं थे।

एनएचबी ने दिए निर्देश

एनएचबी की चिंता है कि इन फाइनेंस कंपनियों की कुल कमाई में बीमा से होने वाली कमाई का हिस्सा बहुत ज्यादा है। कई मामलों में बैंक लोन लेने वाले को सुरक्षा देने के लिए नहीं, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बीमा बेचने के लिए इंश्योरेंस बेच रहे हैं। एनएचबी ने निर्देश दिया है कि फाइनेंस कंपनियां ग्राहकों से पहले साफ-साफ मंजूरी लें। इसके साथ ही कम से कम दो कंपनियों के बीमा के विकल्प दे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कीमतें भी कम होंगी।

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