New delhi. निदेशालय प्रवर्तन (ED), नागपुर उप-क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 22 मई 2025 को चेन्नई में अब्दुल जाफर से जुड़े दो ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। अब्दुल जाफर रेड सैंडर्स की दुबई तस्करी में शामिल एक बड़ा सिंडिकेट ऑपरेटर है, जो प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा निर्यात की जा रही घोषित वस्तुओं को रास्ते में बदलकर रेड सैंडर्स भेजता था।
तलाशी के दौरान करोड़ों की अवैध कमाई से खरीदी गई ज़मीन, इमारतें, फ्लैट और लग्जरी वाहन सहित कई अहम सबूत बरामद हुए। पिछले चार वर्षों से फरार अब्दुल जाफर को इस अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया। न्यायालय द्वारा जारी कई समन के बावजूद वह जानबूझकर पेश नहीं हो रहा था।
उसे चेन्नई की अदालत से ट्रांजिट रिमांड पर नागपुर लाया गया और 24 मई 2025 को विशेष पीएमएलए अदालत, नागपुर में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने उसे 28 मई 2025 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने यह जांच डीआरआई, नागपुर द्वारा कस्टम्स एक्ट, 1962 की धारा 135 के अंतर्गत दाखिल अभियोजन शिकायत के आधार पर शुरू की थी। ईडी की जांच में सामने आया कि अब्दुल जाफर ने रायपुर की एक कंपनी द्वारा निर्यात किए जा रहे स्पॉन्ज आयरन की जगह रेड सैंडर्स रखकर दुबई में कुल 13 खेपें भेजीं। इनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹68 करोड़ आँकी गई है, जिसमें एक खेप को डीआरआई ने पहले ही जब्त कर लिया था।
इसके अतिरिक्त, जांच में यह भी पता चला है कि अब्दुल जाफर का नाम अन्य कई रेड सैंडर्स तस्करी मामलों में भी सामने आया है, जो डीआरआई की अन्य इकाइयों द्वारा जांचे गए हैं। यह दर्शाता है कि वह एक आदतन तस्कर है।