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Talented children were happy to receive the National Child Award from President Murmu, said – I had never even dreamt of it.

राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाकर खुश हुए प्रतिभाशाली बच्चे, बोले- कभी सपने में भी नहीं सोचा था

नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को कला, संस्कृति, खेल और इनोवेशन समेत अलग-अलग क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों और योगदान को पहचान देते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने पुरस्कार पाने वालों को अपना आशीर्वाद भी दिया।

 

पुरस्कार पाने वालों में से एक छात्र ने बताया कि उन्हें यह पुरस्कार इनोवेशन कैटेगरी में दो इनोवेशन के लिए मिला है। मैंने दो एआई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बनाए हैं, जो लकवा से ग्रस्त मरीजों की उंगलियों और हाथों के मूवमेंट में मदद करते हैं। इनको भारत सरकार ने पेटेंट और कॉपीराइट भी किया है।

 

पुरस्कार लेने वालों में एक छोटा बच्चा ऐसा भी है, जिसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय भारतीय सेना के खानपान का ख्याल किया था। राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने के बाद उसने कहा, “यह पुरस्कार पाकर मैं बहुत खुश हूं। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे यह पुरस्कार मिलेगा और मैं राष्ट्रपति से मिलूंगा।”

 

पुरस्कार विजेता ने बताया कि जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू हुआ था और सीमापार से पाकिस्तान के ड्रोन भी आ रहे थे, तब भारतीय फौज भी उनके खेतों के पास भी तैनात थी। उसने कहा, “तब मैंने उनकी सेवा करने के बारे में सोचा। मैं उनके लिए हर दिन मिठाई, चाय, छाछ और बर्फ लाता था।”

 

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “सभी बच्चों ने अपने परिवारों, समाज और पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। इसलिए, मैं इन बच्चों के परिवार के सदस्यों को भी बधाई देती हूं। इतने अच्छे और होनहार बच्चों के लिए पुरस्कार समारोह आयोजित करने के लिए मैं महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।”

 

इस दिन के महत्व के बारे में बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को सिख धर्म के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों, साहिबजादों के साहस और बलिदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

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