डूंगरपुर। आचार्य अनुभव सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि जिनेंद्र भगवान की वाणी हमें मुनियों के माध्यम से सुनने मिल रही है। अपने कथा प्रसंग के माध्यम से कहा भगवान के तीन वचनों से व्यक्ति का कल्याण होता है। आचार्य ने सुबह इंद्रियों के बारे में समझाते हुए कहा कि तीन इंद्रियों में हड्डियां नहीं होती। लेकिन वहीं सबसे खतरनाक होती है। जो आंख, जीभ और जनन इंद्रियां है। अत: मनुष्य को संयम द्वारा इंद्रियां पर काबू पाना चाहिए। रात्रि में गुरुभक्ति में प्रश्नमंच तथा ध्यान के बारे में गुरु ने संबोधित किया।
धर्मसभा में मौजूद महिलाएं ने भी गाए भजन
डिग्री तो कोई भी पा सकता है लेकिन इंसान बनना है मुश्किल : प्रगति नगर
जैन मंदिर में विराजित आचार्य अनुभव सागर महाराज ससंघ ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए भक्तों को बताया कि हम हमारे जीवन में कोई भी डिग्री पा सकते हैं लेकिन इंसान बनने की डिग्री हर कोई नहीं पा सकता है। यह हमें संस्कारों से ही मिलेगी। अहंकार कहीं ना कहीं जाकर नष्ट होता है। अत: हमें सभी प्राणियों में मैत्री भाव और प्रेमभाव रखना चाहिए। प्रतिदिन चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में दोपहर में महिलाओं के लिए पाठशाला शाम को सामूहिक गुरु भक्ति आरती एवं वर्यावर्ती के कार्यक्रम हो रहे है। प्रगति नगर जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष महिपाल जैन ने बताया कि रविवार को सकल दिगंबर जैन समाज के बच्चों की पाठशाला दोपहर में तीन बजे होगी।
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