New delhi. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इलाहाबाद उप-जोनल कार्यालय ने 15 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कुल ₹4.18 करोड़ की 6 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। ये संपत्तियाँ M/s स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व सांसद अतुल राय की कंपनी) और जितेन्द्र सप्रा के नाम पर हैं।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है, जो M/s विकास कंस्ट्रक्शन (स्व. मुख्तार अंसारी के नियंत्रण वाली कंपनी) से जुड़ा हुआ है। अटैच की गई संपत्तियों में दिल्ली में एक फ्लैट, वाराणसी में 3 रेजिडेंशियल प्लॉट और गाजीपुर में 2 कृषि भूमि शामिल हैं।
ED की जांच एक FIR पर आधारित है जो दक्षिण टोला पुलिस स्टेशन, मऊ में दर्ज की गई थी। FIR में आरोप है कि विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ जिले के रैनी गांव में सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से गोदाम बनाया और उसे गाजीपुर में FCI को किराये पर दिया। इस तरह से कुल ₹15.31 करोड़ का किराया कमाया गया। साथ ही NABARD से ₹2.25 करोड़ की सब्सिडी भी ली गई।
इसके अतिरिक्त ₹3.10 करोड़ पूर्व भागीदारों से जबरन लिया गया और ₹7.05 करोड़ अतिफ रजा को FCI से हैंडलिंग व ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के रूप में मिले। कुल ₹27.72 करोड़ की अवैध आय (Proceeds of Crime) हुई।
जांच में यह भी सामने आया कि मुख्तार अंसारी के प्रभाव में काम कर रही विकास कंस्ट्रक्शन की कमाई को अलग-अलग कंपनियों के जरिए लेयरिंग करके वैध दिखाया गया। यह पैसा आगे चलकर अतुल राय की कंपनियों—M/s कुसुमविज़न इंफ्रा, M/s स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेस व अन्य को ट्रांसफर किया गया।
जितेन्द्र सप्रा और उनके परिवार के खातों में भी ₹1 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई, जिससे उन्होंने संपत्तियाँ खरीदीं। अब तक इस मामले में कुल ₹6.40 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।